लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल में इम्प्लांट के नाम पर वसूली, डॉक्टर के खिलाफ पीड़ित दंपति धरने पर बैठे

पीड़ित ने जमीन बेचकर कर किया रुपयों का इंतजाम

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लखनऊ

राजधानी लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल में इम्प्लांट के नाम पर डॉक्टर पर 55 हजार रुपये लेने का आरोप लगाते हुए पीड़ित दंपति ने रविवार को हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा स्थल पर धरना दिया। देवरिया निवासी ओमप्रकाश यादव (45) के पैर का ऑपरेशन होना था। पीडि़त ने जमीन बेचकर कर रुपयों का इंतजाम किया। बाद में पता चला कि जो इम्प्लांट पैर में लगाया गया है उसकी बाजार में कीमत मात्र 10 से 12 हजार तक की है। इम्प्लांट की रसीद देने में डॉक्टर आनाकानी करने लगे। इसके बाद पीडि़त दंपति अपनी रकम वापसी के लिए लगातार उच्चाधिकारियों के पास जाकर गुहार लगा रहे हैं।

दिव्यांग पत्नी विद्यावती के साथ ओमप्रकाश यादव गांधी प्रतिमा स्थल पर धरना देने पहुंचे तो अस्पताल के अफसरों में खलबली मच गई। इधर, सूचना पाकर पहुंची स्थानीय पुलिस ने पीडि़त दंपति को कैसरबाग थाने भेजा। वहीं, कैसरबाग थाने से उन्हें बलरामपुर अस्पताल की चौकी पर भेज दिया गया। जहां पुलिस कर्मियों ने सोमवार की सुबह 11 बजे आने की बात कहकर उन्हें टरका दिया है। फिलहाल अस्पताल प्रशासन ने इस मामले में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है।
दिव्यांग पत्नी विद्यावती ने बताया कि दिसंबर 2022 में उसने बलरामपुर अस्पताल के डॉ. एपी सिंह को दिखाया था। डॉक्टर ने पैर में इम्प्लांट डालने की बात कही। जिसमें खर्चा 50 हजार रुपये के करीब बताया। जिसके बाद दंपति ने जमीन बेचकर कर रुपयों का बंदोबस्त किया। दंपति के मुताबिक मई महीने में डॉक्टर एपी सिंह को 55 हजार रुपये इम्प्लांट के नाम पर दिए। बाद में पता चला कि जो इम्प्लांट पैर में लगाया गया है उसकी बाजार में कीमत 10 से 12 हजार तक की है। जिसके बाद दंपति ने इम्प्लांट की रसीद मांगी जिसे देने में डॉक्टर आनाकानी करने लगे। इसके बाद पीड़ित दंपति अपनी रकम वापसी के लिए लगातार उच्चाधिकारियों के पास जाकर गुहार लगा रहे हैं।

पीड़ित दंपति ने बताया कि रकम वापसी के लिए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक समेत बड़े अफसरों तक गुहार लगायी। जब कोई सुनवाई नहीं हुई तब थक हार कर गांधी प्रतिमा स्थल पर धरना देने का निर्णय लिया।
इस मामले में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। मंगलवार को कमेटी दोनों पक्षों को सुनेगी। इसके लिए पीडि़त और डॉक्टर को उपस्थित रहने को कहा गया है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. एके सिंह ने बताया कि मरीज का ऑपरेशन करीब एक साल पहले हुआ था। अब यह तूल पकड़ रहा है। शिकायत के बाद इस मामले में तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया है। मंगलवार को समिति दोनों पक्षों को सुनेगी। इसके लिए पीडि़त और डॉक्टर को उपस्थित रहने को कहा गया है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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