AAP ने डीबीसी कर्मचारियों की पीठ में घोपा छुरा: राजा इकबाल सिंह

कर्मचारियों को पक्का करने की बजाय उनकी नौकरी लेने में तुली हुई है आप सरकार

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नई दिल्ली 

दिल्ली नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष व पूर्व महापौर सरदार राजा इकबाल सिंह ने डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स (डीबीसी) कर्मचारियों आप पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पहले तो भाजपा के दबाव में आप सरकार ने इनके पदों को डीबीसी की बजाया एमटीएस (मल्टी टास्किंग स्टाफ) के तौर पर तब्दील करना पड़ा लेकिन अपनी कर्मचारी विरोधी नीति के चलते अब उनकी नियुक्ति में ऐसी शर्तें लगा दी है जिससे इन कर्मचारियों पक्की नौकरी तो क्या इनकी नौकरी भी सुरक्षित नहीं रहेगी। राजा इकबाल सिंह ने कहा कि भाजपा इसका विरोध करती हैं और महापौर को चेतावनी देती है कि कर्मचारी विरोधी शर्तों को वापस लें नहीं तो भाजपा सड़क से लेकर सदन तक इसका विरोध करेगी।
राजा इकबाल सिंह ने कहा कि तीन हजार के करीब डीबीसी कर्मचारी हैं, जो अपनी जान जोखिम पर डालकर घर-घर जाकर मच्छरों की उत्पत्ति रोकने में मदद करते हैं। इन कर्मचारियों ने कोरोना के दौरान घर-घर जाकर आपात स्थिति में सैनिटाइजर का छिड़काव भी किया था साथ ही क्वराटंाइन सेंटरों पर भी अपनी सेवाएं दी थी। लेकिन, ठेकेदारी प्रथा को खत्म करने का वादा करके निगम की सत्ता हासिल करने वाली आप सरकार इन कर्मचारियों को नियमित नहीं कर रही है बल्कि उनसे नियुक्ति के लिए जो एफिडेविट लिया जा रहा है उसमें उनसे उनकी वरिष्ठता सूची को समाप्त करने की बात कही जा रही है इतना ही नहीं यह कहा जा रहा है कि जब स्थायी नियुक्ति डीएसएसबी से होकर कर्मचारी आ जाएंगे तो इन कर्मचारियों को निकाल दिया जाएगा। वहीं,कर्मचारी अपने हक की आवाज के लिए धरना प्रदर्शन भी नहीं कर पाएंगे।
उन्होंने कहा कि भाजपा शासित नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनजीएमसी) हैं जिसने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में 4500 से अधिक कर्मचारियों को न केवल नियमित किया है बल्कि उन अनुबंधित कर्मचारियों के लिए भी नियम बनाया है कि उनके स्थान पर कोई स्थायी नियुक्ति नहीं होगी। राजा इकबाल सिंह ने कहा कि भाजपा अगर निगम की सत्ता में होती तो इन कर्मचारियों को तुरंत पक्की नौकरी देती। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि डीबीसी कर्मचारियों को न्यूनतम मजदूरी दर के हिसाब से वेतन तय करने की बात कही जा रही है जबकि इनको लेवल-1 के हिसाब से वेतन मिलना चाहिए।

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