GST को PMLA से जोड़ने पर घबराए व्यापारी, डर रहे अब होगा क्या

व्यापारियों ने रखी मांग, सरकार ऐसे मामलों में लाए स्पष्टीकरण, व्यापारी वर्ग में कम होगा भय

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नई दिल्ली
GST को PMLA से जोड़ने पर व्यापारी घबरा गए हैं। व्यापारियों का कहना है कि ईडी बड़े स्तर पर कार्रवाई करता है। सरकार के इस फैसले से कुछ भी हो सकता है। इस बारे में सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि टैक्स चोरी और फ़र्ज़ी रजिस्ट्रेशन GST की एक बड़ी समस्या है। जीएसटी डिपार्टमेंट वक़्त वक़्त पर कार्यवाही करता है। दो महीने के लिए स्पेशल ड्राइव चलाया गया उसमें व्यापारी ने भरपूर सहयोग किया। हम समझते हैं कि जो बोगस या ग़लत काम हो रहे हैं उसका असर न सिर्फ़ GST पर पड़ता है उससे ज़्यादा असर व्यापारी पर पड़ता है।
उन्होंने कहा कि 7 जुलाई को जो नोटिफिकेशन जारी हुआ है। उसमें GST को PMLA से जोड़ दिया गया है । इस फैसले को लेकर सभी व्यापारी डरे हुए हैं। किसी को कुछ पता नहीं है कि क्या होगा। व्यापारी वर्ग यह समझने का प्रयास कर रहा है कि जीएसटी के मामलों में PMLA का अधिकार क्षेत्र क्या होगा।
यह सिर्फ़ सूचनाओं का अदान प्रदान किया जाएगा।
जीएसटी की तरह PMLA भी पैररल अथॉरिटी बनेगा।
कौन से मामले GST में निपटाए जाएँगे और किन मामलों को ED देखेगा।
ED के पास व्यापक अधिकार है। इससे व्यापारी डरा हुआ है ऐसे बहुत से मामलों का स्पष्टीकरण जरूरी है। ऐसे में व्यापारियों ने मांग रखी है कि सरकार यह स्पष्ट कर दे कि जो ईमानदारी से काम कर रहे है उन्हें परेशान नहीं किया जाएगा। उनकी गलती को गलती माना जाए। हर गलती को tax चोरी से जोड़ना ठीक नहीं होगा। व्यापारी अकारण ही कोर्ट के चक्कर में नहीं जाना चाहता। अगर जीएसटी व्यापारी पर ED नोटिस बनाता है या कार्यवाहीं करता है तो मांग है कि केवल गंभीर मामलों में ऐसा किया जाए।
ऐसे मामालों में न हो कार्रवाई
व्यापारियों ने कहा कि कुछ मामले ऐसे होते है जिसमें व्यापारी को कुछ पता नहीं होता। ऐसे मामले में जब तक व्यापारी की कोई गलती न हो उसपर कार्रवाई न की जाए।
जिस सप्लायर से माल ख़रीद रहे हैं उसका रिकार्ड कैसा है।
रजिस्ट्रेशन जिनका काग़ज़ों पर हुआ है क्या फ़र्ज़ी थे।
उसकी अपनी परचेज़ कैसी है।
उसने पूरा टैक्स जमा कराया या नहीं।
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