नई दिल्ली
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर आप सांसद संजय सिंह ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता कर खुलासा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि केजरीवाल को जेल में डालने के पीछे गहरी साजिश रची है। ये शराब घोटाला दुनिया की सबसे बड़ी बीजेपी ने किया है। इसमें छोटे मोटे लोग शामिल नहीं है। मंगुट्टा रेडी, जिसने 3 बयान दिए। उसके बेटे ने 7 बयान दिए। बाप-बेटे ने 10 बयान दिए। इसके पीछे जब उनसे पहले पूछा गया। 16 सितंबर को ईडी द्वारा पूछा गया कि क्या आप केजरीवाल से मिले थे। तो उसने कहा कि हां मैं केजरीवाल से चेरीटेबल ट्रस्ट की जमीन के मामले में मिला था। फिर उसके बेटे राघव मुंगट्टा को गिरफ्तार करते हैं। 5 महीने तक जेल में रखते हैं। तब वो बयान बदल देता है। 16 सितंबर 2022 को पहली बार कार्रवाई होती मंगुट्टा रेड्डी रेड हुई है। बयान दो 10 फरवरी को उसके बेटे को गिरफ्तार कर लेते हैं। 16 जुलाई तक राघव के 7 बयान लिए जाते हैं। महीने में 7 बयान देता है, उसमें भी 6 बयान में पूछा जाता है कि केजरीवाल को जानते हैं। क्या कोई घोटाला किया। तो उसने कहा कि नहीं। मगर 7वें बयान में टूट जाता है। वो साजिश का हिस्सा बन जाता है। 5 महीने की प्रताड़ना के बाद बदल जाता है। केजरीवाल के खिलाफ बयान देता है। हैरानी की बात है कि 6 बयान और बाप के बयान गायब कर देते हैं। ईडी कहती है कि पुराने बयान पर भरोसा नहीं है। जो बयान केजरीवाल के खिलाफ नहीं था, उस पर भरोसा नहीं किया। वकीलों ने अदालत में बार-बार पैरवी कि पुराने बयान देखने हैं। कोर्ट ने वकीलों को पुराने बयान देखने के आदेश दिए। तो उनके होश उड़ गए। बाप-बेटों के 9 बयान में केजरीवाल का जिक्र नहीं है। बाद में दबाव बनाकर बयान लिए। ये मंगुट्टा और राघव मंगुट्टा रेड्डी कौन हैं। नरेंद्र मोदी के साथ सांसद मंगुट्टा रेड्डी खड़े हैं। 16 जुलाई को जब केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के खिलाफ बयान देते हैं, तो 18 जुलाई को बेल हो जाती है।
शरद रेड्डी के घर 9 नवंबर 2022 को छापा पड़ता है। रेड के बाद केजरीवाल के बारे में पूछा जाता है। ये कहते हैं कि केजरीवाल से नहीं मिले। कोई लेना देना नहीं। इसके 12 बयान होते हैं। 10 नवंबर को गिरफ्तारी हो जाती है। 25 अप्रैल तक जेल में रखा गया। केजरीवाल के खिलाफ बयान मांगे। वरना, जिंदगी जेल में सड़ जाएगी। 25 अप्रैल को केजरीवाल के खिलाफ बयान दिया। हमारे वकील फिर परेशान हुए। कोर्ट में अप्लीकेशन लगाई। 10 बयान देखे, जिसमें केजरीवाल का नाम नहीं था। पुराने बयान पर ईडी का भरोसा नहीं। 6 महीने बाद बयान दिया, तो बेल हो जाता है। असली घोटाला ईडी की जांच के बाद शुरू हुआ। बीजेपी का शराब घोटाला। पहली पेशगी 15 नवंबर को 5 करोड़ रुपये की पहुंची। जिसे किंग पिन बताते थे, उससे 55 करोड़ रुपये की रिश्वत ली। मनी ट्रेल से पता चल गया। 21 मार्च को शाम 6:55 पर खुलासा होता है, तो 7:14 पर केजरीवाल के घर पर छापा मार दिया। ढाई घंटे की पूछताछ में केजरीवाल को अरेस्ट कर लिया। ये शराब घोटाला बीजेपी ने किया है, जो ईडी के जांच के बाद शुरू हुआ है।