वाराणसी में सफाईकर्मी की मौत पर मजिस्ट्रियल जांच सिर्फ ‘दिखावा’- अखिलेश यादव

घटना के जिम्मेदारों पर कार्रवाई करते हुए पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा देने की मांग

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लखनऊ
वाराणसी में शुक्रवार को बिना सुरक्षा उपकरण मैनहोल में उतरे सफाईकर्मी की जहरीली गैस से दम घुटने से मौत में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश को सपा मुखिया अखिलेश यादव ने दिखावा करार दिया है। साथ ही इस घटना के जिम्मेदारों पर कार्रवाई करते हुए पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा देने की मांग की है।
अखिलेश ने अपने ‘X’ पर लिखा, ‘देश के प्रधान संसदीय क्षेत्र में एक सफ़ाईकर्मी की मैनहोल में मौत होना बेहद दुखद समाचार है।
‘स्मार्ट सिटी’ बस नाम की नहीं, काम की भी होनी चाहिए। जो मशीनें सीवर की सफ़ाई के लिए खरीद कर बिना रखरखाव के बरबाद खड़ी है अगर उनका सही इस्तेमाल तो किसी की जान बचाई जा सकती थी।
पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने आगे लिखा है, ‘जनता भाजपा सरकार से पूछ रही है, अब जो दिखावटी मजिस्ट्रियल जाँच करवायी जा रही है, क्या वो किसी का जीवन लौटा सकती है?
इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों को निलंबित कर दंडात्मक कार्रवाई हो और मृतक के परिजनों को सम्मानपूर्वक जीवापन को लिए यथोचित मुआवज़ा दिया जाए।’
दरअसल, वाराणसी के भैसासुर घाट (आदमपुर) के पास शुक्रवार अपराह्न करीब चार बजे बिना सुरक्षा उपकरण मैनहोल में उतरे सफाईकर्मी 45 वर्षीय घूरेलाल की जहरीली गैस से दम घुटने से मौत हो गई थी। एक अन्य सफाईकर्मी उसे बचाने गया था, लेकिन दम घुटने पर वह वापस आ गया।
मैनहोल की सफाई का ठेका गोला घाट के बाबू यादव के पास है। जलनिगम की गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई की ओर से मैनहोल की सफाई कराई जा रही थी। 15 फुट गहरे मैनहोल में मछोदरी निवासी घूरेलाल को उतारा गया था। जहरीली गैस से दम घुटने पर उसने शोर मचाया। एक सफाईकर्मी उसे बचाने के लिए नीचे उतारा लेकिन गैस के प्रभाव के कारण नीचे नहीं जा सका। पास ही मौजूद एडीआरएफ की टीम को घटना की सूचना दी गई। मौके पर आदमपुर पुलिस भी पहुंची। एनडीआरएफ के जवानों ने मैनहोल से घूरेलाल को बाहर निकाला। एंबुलेंस से कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल लाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। आदमपुर थाना प्रभारी निरीक्षक वीरेंद्र सोनकर ने बताया कि शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।

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