Delhi News: आर्यवीर दल वीर भरत शाखा का सार्थक प्रयास

शाख के 60 बच्चों ने किया वेद मंत्रों द्वारा भव्य सामूहिक मासिक वेद यज्ञ।

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नई दिल्ली 

जवाहर कैम्प कीर्ति नगर 7 अप्रैल 2024 को वीर भरत शाखा, आर्य वीर दल द्वारा छठ पूजा पार्क में एक भव्य मासिक वेद यज्ञ (हवन) का आयोजन किया गया। इस यज्ञ में शाखा के 60 बच्चों और उनके माता-पिता ने आर्य समाज के नियमानुसार सामूहिक यज्ञ किया। यज्ञ के मुख्य वक्ता आचार्य दिनेश , प्रचारक दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा दिल्ली प्रदेश थे। उन्होंने यज्ञ के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यज्ञ से न केवल हमारे आसपास का वातावरण शुद्ध होता है, बल्कि हमारे मन में भी सकारात्मक विचारों का जन्म होता है।

आर्य समाज कीर्ति नगर के महामंत्री व अधिवक्ता वीनीत बहल जी ने भी बच्चों को आशीर्वाद दिया और उन्हें वेदों का ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।यज्ञ के पश्चात शौर्य, एक सम्मान संस्था द्वारा शाखा के 50 बच्चों को कॉपी व पेन वितरित किए गए। सत्यव्रत पाठक, नगर नायक आर्यवीर दल मध्य दिल्ली, दिल्ली प्रदेश ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने आगे के कार्यक्रमों में भी लोगों से सहयोग की अपील की।यह यज्ञ बच्चों में वेदों के प्रति रुचि जागृत करने और उन्हें आर्य समाज के मूल्यों से परिचित कराने का एक सराहनीय प्रयास था।बताते चले की आर्यवीर दल दिल्ली प्रदेश द्वारा पूरी दिल्ली में आर्य समाज के माध्यम से वैदिक विचारों को प्रचारित-प्रसारित करने में अहम भूमिका निभाता आ रहा है। हर आर्य समाज व पार्को में इस इकाई की अपनी शाखा लगाई जाती है। जिसमे बच्चों को वैदिक संस्कृति व महाऋषि दयानंद सरस्वती जी तथा आर्य समाज के बारे में लोगों को जागरूक करने का कार्य करती आ रही है। साथ ही समाज में यज्ञ के माध्यम से लोगों के कल्याण हेतु वैदिक संस्कृति को बढ़ाने का कार्य करती आ रहा है। आर्य वीर दल मध्य दिल्ली के नगर नायक सत्यव्रत पाठक ने हमे बताया कि छठ पूजा पार्क जवाहर कैम्प कीर्ति नगर में आर्यवीर दल वीर भरत शाखा द्वारा शाखा लगाई जाती है जो 8 माह से लगातार लग रही थी। यह शाखा पहले 2008-09 में लगती थी परन्तु समय की उपलब्धता ना होने के कारण व अन्य किसी कारण वश निष्क्रिय हो गई थी। अब इसे पुनः शुरू किया जा चूका है। जिसमे आस-पास के क्लस्टर क्षेत्रों से लगभग 30 से 40 युवा बच्चें शाम की शाखा में प्रतिदिन भाग लेते हैं। जिसमे बच्चों को वैदिक मंत्र, बौद्धिक ,संस्कार, कराटे, योगा, लाठी चलाना, खेल तथा अन्य प्रकार के कई शारिरिक विकास के तौर पर प्रशिक्षित किये जाने का कार्य किया जाता है। इसी क्रम में आस पास के कई ऐसे बच्चे थे जो पहले नशे की लत में पड़े थे अब शाखा में आकर उन बच्चों ने नशा को त्याग कर दिया है। पढाई लिखाई में अब ये बच्चे आगे बढ़ रहे हैं। इनके परिवार काफी खुश है।

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