शिक्षा और स्वस्थ्य की बात नहीं कर रही कोई राजनीतिक दल- अभिषेक जैन बिट्टू

कहा " राजनीतिक दलों के संरक्षण में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में चल रही है खुलेआम लूट, इसलिए चर्चा नही करते देश के नेता "

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जयपुर

राजस्थान सहित देशभर में लोकसभा चुनावों 2024 की सुबगुहाहट देखने को मिल रही, सभी राजनीतिक दल आरोप – प्रत्यारोप सहित चुनाव जीतने के लिए रेवड़ियां बांट रहे है किंतु देश का कोई भी नेता और राजनीतिक दल देशभर के अभिभावकों के प्रमुख मुद्दों की बात नही कर रहे है। आज अगर देश में सबसे अहम मुद्दा है तो वह केवल महंगाई और बेरोजगारी का सबसे बड़ा मुद्दा है किंतु कोई इन मुद्दों को महत्व देने को तैयार नहीं है। आज सत्ता पक्ष भारतीय जनता पार्टी है जो देश में ” वन नेशन, वन इलेक्शन ” की बात करती है, विपक्षी दल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, शिवसेना इत्यादि इसका विरोध कर रहे है। अगर देश को वन नेशन, वन इलेक्शन की जरूरत है तो क्या देश को ” वन नेशन, वन एजुकेशन और वन नेशन, वन मेडिकल ” व्यवस्थाओं की जरूरत नहीं है। ” देश में इन मूल मुद्दो पर सरकारें फैल होती नजर आ रही है, निजी क्षेत्र व्यापारियों ने इन्हे कॉरप्रेट इंडस्ट्रीज में तब्दील कर ना केवल गरीब परिवारों को वंचित कर दिया है बल्कि माध्यम आयवर्गीय परिवार भी निजी माफियाओं से त्रस्त हो चुका है।

पूर्व आप नेता और संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा की ” शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर राजनीतिक दलों की चुप्पी यह साबित करती है की निजी माफियाओं के साथ उनकी ना केवल साझेदारी है बल्कि खुलेआम हो रही लूट में राजनीतिक दलों का पूरा संरक्षण है। जैन ने कहा की राजनीतिक दलों के संरक्षण के चलते शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर निजी व्यापारियों ने अपना पूरा एकाधिकार जमा लिया है जिसके चलते सरकारी व्यवस्थाएं सारी ठप हो चुकी है, विगत 10 वर्षों में राजस्थान में लगभग 25 हजार सरकारी स्कूल बंद हो चुके है, देशभर में 1.25 लाख सरकारी स्कूल बंद हो चुके है जबकि इन 10 वर्षो में देशभर डेढ़ लाख प्राइवेट स्कूल शुरू हुए है, इन आंकड़ों से यह साबित होता है की देशभर के राज्यों की सरकारें हो या केंद्र सरकार केवल झूठे सपने दिखाकर केवल वोट हासिल करना चाहती है जनता के मूल मुद्दो से किसी भी राजनीतिक दल का कोई सरोकार नहीं है। स्वास्थ्य सेवाओं में ही देख लो आज भी पूरा राजस्थान केवल एसएमएस हॉस्पिटल के भरोसे पर जबकि प्रदेश में 50 जिले जहां हर जिलों में विश्व स्तरीय हॉस्पिटल सरकार को खोलने चाहिए किंतु आजतक एक भी हॉस्पिटल नही खोल पाए है, जबकि इन 10 वर्षो में राजस्थान ने एक हजार से अधिक निजी स्तर के छोटे – बड़े हॉस्पिटल खुल चुके है जो मनमाने तरीके से इलाज कर खुलेआम जनता को स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर लूट रहे है। अगर राजनीतिक दल शिक्षा और स्वास्थ्य को पूरी तरह से फ्री कर देवे तो राजनीतिक दलों को चुनावी रेवड़ियां बांटने की आवश्यकता नही रहेगी, बिजली, पानी बिल फ्री नही बांटने पड़ेंगे। किंतु अफसोस इस बात है आजादी के 77 वर्ष बाद भी देश को 5 किलो राशन, 82 करोड़ लोगों को मुफ्त खाना, स्कूली बच्चों को स्कूटी, साइकल, लैपटॉप, मोबाइल, ड्रेस इत्यादि फ्री बांटी जा रही है किंतु जनता जिस चीज से सबसे ज्यादा प्रभावित है महंगी शिक्षा को फ्री नही दे पा रही है।

अभिभावकों से अपील शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को देखकर करे मतदान

संयुक्त अभिभावक संघ ने राजस्थान सहित देशभर के 50 करोड़ अभिभावकों से आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को देखकर मतदान करने की अपील की है, संघ ने कहा शिक्षा बच्चों का भविष्य बनाती है और चिकित्सा भविष्य को दुरस्त रखती है, यह दोनों व्यवस्थाएं प्रत्येक नागरिक की जिंदगी का अहम अंग है, किंतु विगत कुछ वर्षों से राजनीतिक दलों के संरक्षण और व्यापारियों की साठगांठ ने इसे व्यापार का मुख्य केंद्र बनाकर खुलेआम लूट मचाई हुई है, मतदान करना प्रत्येक नागरिक अधिकार है, किसको देना है किसको नही देना है यह चुनने का अधिकार भी नागरिक का स्वयं का है हम केवल यह अपील करते है की मूल मुद्दो को महत्व देकर, व्यवस्थाओं को देखकर ही मतदान करें।

 

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