बढ़ते यमुना के जलस्तर को देखते हुए विकास मंत्री गोपाल राय ने मोनेस्ट्री मार्किट, आईएसबीटी के पास लिया वर्तमान स्थिति का जायजा
विकास मंत्री गोपाल राय द्वारा एसडीएम , पीडब्लूडी और आईएन्डएफसी के अधिकारियों को यमुना के बढ़ते जलस्तर के कारण सभी जरूरी कार्रवाई करने के दिए गए निर्देश
नई दिल्ली
यमुना के बढ़ते जलस्तर के मद्देनजर केजरीवाल सरकार ने राहत और बचाव कार्यों के लिए युद्धस्तर पर तैयारियां शुरू कर दी है। इस दिशा में विकास मंत्री गोपाल राय ने यमुना से सटे मोनेस्ट्री मार्किट, आईएसबीटी का संबंधित अधिकारियों के साथ जायज़ा लिया। एसडीएम , पीडब्लूडी और आईएन्डएफसी के अधिकारियों को यमुना के बढ़ते जलस्तर पर त्वरित कार्रवाई के लिए निर्देश जारी किये गए है। साथ ही राहत शिविरों में ठहरे शरणार्थियों के लिए रहने,खाने-पीने,शौचालय, मेडिकल सहित सभी जरूरी सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश भी जारी किये गए है। प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों को दिल्ली के अलग-अलग जिलों में बने शिविरों में स्थानांतरित किया जा रहा है।
मौके का जायज़ा लेने के बाद विकास मंत्री गोपाल राय ने बताया की उत्तरी भारत में हो रही भारी बरसात के कारण यमुना में तेजी से पानी बढ़ता जा रहा है। साथ ही हथिनिकुंड बैराज से भी लगातार लाखो क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है | ऐसे में दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चूका है। और आपदा की इस परिस्थिति में केजरीवाल सरकार ने हर तरह के खतरे से निपटने के लिए कमर कस ली है। बाढ़ के हालातो को देखते हुए आज हमने यमुना से सटे मोनेस्ट्री मार्किट ,आईएसबीटी इलाके का जायज़ा लिया है।
साथ ही एसडीएम , पीडब्लूडी और आईएन्डएफसी के अधिकारियों को यमुना के बढ़ते जलस्तर पर सभी तरह के त्वरित कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिए गए है। उन्होंने बताया की आपदा प्रभावित लोगों के लिए केजरीवाल सरकार द्वारा करीब 2700 टेंटो का प्रबंध किया गया है ,अधिकारियों को राहत शिविरों में रहने,खाने-पीने,शौचालय, मेडिकल सहित सभी जरूरी सुविधाएँ सुनिश्चित करने के निर्देश भी जारी किए गए है । यह टेंट उत्तरी जिले के पल्ला से लेकर दक्षिणी जिले तक दिल्ली के हर जिले में मौजूद है | राहत और बचाव कार्यों के लिए यमुना में विभिन्न जगहों पर मोटर बोट्स तैनात की गई है। जिसपर बचाव संबंधित सभी जरुरी उपकरण मौजूद है। साथ ही जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि, सभी टीमें अलर्ट पर रहे और जरुरत पड़ने पर अतिरिक्त टीमें तैनात की जाए।