World Asthma Day 2024: अस्थमा प्रतिवर्ष 4 लाख से अधिक मौतों के लिए जिम्मेदार!

अस्थमा दिवस की पूर्व संध्या पर लखनऊ के होटल में चर्चा, विशेषज्ञ हुए शामिल

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लखनऊ, रिपोर्टर।
अस्थमा दुनिया भर में 34 करोड़ से अधिक लोगों को प्रभावित करती है, जिससे घरघराहट, खांसी, सीने में जकडऩ और सांस की तकलीफ जैसे लक्षण पैदा होते हैं। अस्थमा के दौरे गंभीर और जानलेवा हो सकते हैं और प्रतिवर्ष 4 लाख से अधिक मौतों के लिए यह जिम्मेदार है। यह जानकारी एसजीपीजीआई की वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. पियाली भट्टाचार्य ने दी। वह अस्थमा दिवस की पूर्व संध्या पर लखनऊ के होटल में एक चर्चा को संबोधित कर रही थी। इसमें वरिष्ठ विशेषज्ञों ने अपनी बात रखी और 40 बाल रोग रोग विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया।
प्रतिवर्ष मई के पहले मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है, जो इस सांस की बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और विश्व स्तर पर अस्थमा की देखभाल में सुधार करने के लिए ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा (GINA) द्वारा आयोजित एक वार्षिक कार्यक्रम है। इस वर्ष की थीम “अस्थमा शिक्षा सशक्तीकरण” है, इसी संदर्भ में अस्थमा दिवस की पूर्व संध्या में लखनऊ बाल अकादमी द्वारा अस्थमा प्रबंधन में सुधार और जन जागरूकता के लिए इस चर्चा का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम की अध्यक्षता लखनऊ बाल अकादमी अध्यक्ष डॉ. निर्मला जोशी ने की।
प्रदूषण, धुआं व पारिवारिक इतिहास में दमा होना मुख्य कारक….
लखनऊ बाल अकादमी के सचिव डॉ. उत्कर्ष बंसल ने बताया कि बच्चों में भी दमा एक बहुत आम परेशानी बनती जा रही है। प्रदूषण, धुआं और पारिवारिक इतिहास में दमा होना मुख्य कारक हैं। अस्थमा के लक्षण में मुख्यत: बार- बार लंबे समय तक खांसी आना, दौड़ने भागने पर सांस फूलना, रात में खांसी आना, मौसम बदलने पर खांसी आना या जोर से हंसने व रोने पर खांसना। ऐसे लक्षणों को देख कर अभिभावकों को तुरंत बालरोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए, ताकि सही निदान और उपचार हो सके। अस्थमा में श्वास नलियों में सूजन आ जाती है जिस कारण श्वसन मार्ग सिकुड़ जाता है। श्वसन नली में सिकुड़न के चलते रोगी को लक्षण होते हैं। अस्थमा बाहरी एलर्जन के प्रति शरीर की एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया है, जो कि पराग, जानवरों, धूल जैसे चीजों के कारण होता है।
अस्थमा के उपचार के लिए इनहेलर दवाएं बहुत कारगर…..
डॉ. उत्कर्ष ने कहा कि यह सच है कि दमा को पूरी तरह ठीक नही किया जा सकता है, लेकिन इससे नियंत्रित कर पीड़ित लोग सहजता से जीवन जी सकते हैं। अस्थमा का उपचार तभी संभव है जब आप समय रहते इसे समझ लें। अस्थमा के उपचार के लिए इनहेलर दवाएं बहुत कारगर हो सकती हैं। इन्हेल्ड स्टेरॉयड (सांस के माध्यम से दी जाने वाली दवा) और ब्रोंकॉडायलेटर्स वायुमार्ग के चारों तरफ कसी हुई मांसपेशियों को आराम देकर अस्थमा से राहत दिलाते हैं। इन्हेलर से दवा सीधे श्वसन मार्ग में जाती है, तो असर बेहतर होता है और खुराक कम लगती है। इन्हेलर दमा के लिए सांस प्रभावी और सुरक्षित उपचार है जिसके प्रति समाज में बहुत सी भ्रांति व्याप्त हैं। अस्थमा के उपचार में एंटीबायोटिक दवाइयों का कोई स्थान नहीं है।
सर्दी के मौसम में धुंध, धूम्रपान से बचना जरूरी….
डॉ आशीष वर्मा के अनुसार अस्थमा में इलाज के साथ बचाव की आवश्यकता भी होती है। अस्थमा के मरीजों को बारिश, सर्दी, धूल भरी आंधी, ज्यादा गर्म और नम वातावरण, प्रदूषण, सर्दी के मौसम में धुंध, धूम्रपान से बचना चाहिए। घर को डस्ट फ्री बनाएं। धूपबत्ती, अगरबत्ती, मच्छर की कॉयल, सिगरेट का धुआं हानिकारक है। अगर आप अस्थमा के मरीज हैं तो दवाईयां हमेशा साथ रखें।
श्वास रोगों से बचने के लिए फ्लू और निमोनिया के टीके भी लाभकारी…
डॉ. एकांश राठोरिया ने बताया कि अस्थमा के सही इलाज से किसी को भी सामान्य जीवन जीने में कोई बाधा नही आती अपितु बच्चे भी खेल कूद में बद चढ़के हिस्सा ले सकते हैं।
डॉ. अमित रस्तोगी ने कहा कि श्वास रोगों से बचने के लिए फ्लू और निमोनिया के टीके भी लाभकारी है और इसमें योग और व्यायाम भी अपनी एक अहम भूमिका निभाता हैं।

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