दिवंगत फार्मासिस्टों को डीपीए ने दी श्रद्धांजलि, पदाधिकारी बोले- काम के बोझ व 24 घंटे ड्यूटी से परेशान हैं फार्मासिस्ट

फार्मासिस्टों ने दिवंगत साथियों की आत्मा की शांति के लिए शोक सभा और हवन पाठ व पूजा अर्चना की

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लखनऊ, रिपोर्टर।
डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने एक हफ्ते के दौरान अलग-अलग जिलों में छह फार्मासिस्टों के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक जताया है। गुरुवार को बलरामपुर अस्पताल स्थित संघ भवन में फार्मासिस्टों ने दिवंगत साथियों की आत्मा की शांति के लिए शोक सभा और हवन पाठ व पूजा अर्चना की। दिवंगत फार्मासिस्टों को श्रद्धांजलि दी।
डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप बडोला एवं महामंत्री उमेश मिश्रा ने बताया कि 15 से 20 मई के बीच छह फार्मासिस्टों की आकस्मिक मृत्यु से प्रदेश का फार्मासिस्ट संवर्ग व्यथित हो गया है। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी कई फार्मासिस्टों की आकस्मिक मौत हुई है। उन्होंने कहा कि अत्यधिक काम व सप्ताह में सातों दिन 24 घंटे ड्यूटी से फार्मासिस्ट अवसाद की चपेट में आ रहे हैं। शहरी से लेकर ग्रामीण के अस्पतालों में फार्मासिस्टों के पद काफी कम होने से उनको रात दिन काम करना पड़ रहा है। हालात यह है कि 24 घंटे संचालित होने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केद्रों में जहां प्रतिदिन लगभग 1000 मरीज आते हैं वहां मात्र दो फार्मासिस्ट ही तैनात हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में जहां तीन सौ से पांच सौ मरीज आते है वहां मात्र एक फार्मासिस्ट कार्यरत है।
बड़े-बड़े अस्पतालों में नाम मात्र को फार्मासिस्ट व चीफ फार्मासिस्ट के पद सृजित हैं। औषधि के रखरखाव व उनका वितरण, 24 घंटे इमरजेंसी ड्यूटी, इंजेक्शन, एआरवी, मरहम पट्टी, प्लास्टर लगाना, पोस्टमार्टम व वीआईपी ड्यूटी करना, ऑन लाइन पोर्टल पर रिपोर्टिंग, रिकॉर्ड मेंटेन एवं सभी राष्ट्रीय कार्यक्रमों में भागीदारी आदि सभी कार्य फार्मासिस्ट द्वारा किए जाते हैं। जहां डॉक्टर की नियुक्ति नहीं है वहां पूरे अस्पताल का संचालन करना फार्मासिस्ट की जिम्मेदारी है।
प्रदेश अध्यक्ष संदीप बडोला एवं महामंत्री उमेश मिश्रा ने कहा कि अस्पताल के अधिकांश कामोंं, सहभागिता व कम पद होने व साप्ताहिक अवकाश न मिलने से फार्मासिस्ट तनाव व अवसाद का शिकार होकर बीमार हो रहे हैं। ऐसे में उनकी आकस्मिक मौत हो रही है। जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, शासन व स्वास्थ्य महानिदेशालय को समय-समय पर संगठन द्वारा समस्या से अवगत कराया गया लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकाला गया। उन्होंने कहा कि पुन: संगठन सरकार से फार्मासिस्टों के नए पदों का सृजन कर अस्पतालों में उन्हें प्रयाप्त सुविधा उपलब्ध कराने की मांग करेगा।
कार्यक्रम में संरक्षक आरएनडी द्विवेदी, कोषाध्यक्ष अजय कुमार पांडेय, केके सिंह, अनिल शुक्ला, मनमोहन मिश्रा, राजेश पांडेय, अजीत मिश्रा, सुनील राय, संगीता वर्मा, संजीव शर्मा, शिरीष मिश्रा, अनिल श्रीवास्तव, सुभाष श्रीवास्तव, सतीश त्रिपाठी, विवेक श्रीवास्तव, प्रभाकर त्रिपाठी, सतीश त्रिपाठी, दिनेश पांडेय, अनिल चौधरी, संजीव कौशिक आदि मौजूद रहे।
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