लखनऊ के दो निजी अस्पतालों व डॉक्टरों की सांठ- गांठ में फंसे 18 माह की मासूम बच्ची की मौत

नाराज़ परिजनों का हंगामा, अपोलो व उर्मिला देवी हॉस्पिटल के दोषी डॉक्टरों पर कार्रवाई की मांग

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लखनऊ, रिपोर्टर।
राजधानी में दो निजी अस्पतालों व डॉक्टरों की सांठ- गांठ में फंसे 18 माह की बच्ची शायरा सोनी की मौत हो गई। गुरुवार की शाम को उल्टी और दस्त होने पर परिजन उसे बंगला बाजार किला रोड स्थित उर्मिला देवी मेमोरियल हॉस्पिटल लेकर गए। यहां इस हास्पिटल में 60 हजार रूपए जमा करा लिए गए। इसके बाद हालत गंभीर बताते हुए वेंटिलेटर की आवश्यकता बताई गई और बच्ची को शुक्रवार आशियाना स्थित अपोलो हॉस्पिटल में रेफर कर दिया। यहां अपोलो के डॉक्टरों ने शनिवार सुबह में ही बच्ची को मृत घोषित कर दिया। 40 हजार रूपए जमा करने के बाद ही शव देने को कहा। रूपयों की व्यवस्था कराने के बाद ही शव को सौंपा। बच्ची का अंतिम संस्कार कराने के बाद परिजनों देर शाम उर्मिला देवी मेमोरियल हास्पिटल पहुंचकर हंगामा शुरू दिया।
हंगामा बढ़ता देख उर्मिला देवी मेमोरियल हास्पिटल संचालक ने मौके पर पुलिस बुला ली। समझाने के बावजूद परिजन नहीं माने। किसी तरह पुलिस ने सबको शांत कराया।
उर्मिला देवी हास्पिटल के MD डॉ. पुनीत व अपोलो पर कार्रवाई करने की मांग…
सेक्टर एच LDA कालोनी निवासी पीड़ित पिता अमित सोनी ने आशियाना पुलिस को तहरीर दी है। अमित ने उर्मिला देवी मेमोरियल हास्पिटल के MD डॉ. पुनीत सक्सेना व अपोलो पर कार्रवाई करने की गुहार लगाई है।
पीड़ित अमित सोनी ने बताया की बीती शुक्रवार शाम को वह अपनी 18 महीने की बच्ची शायरा सोनी को उर्मिला देवी मेमोरियल हॉस्पिटल में पानी की कमी के कारण ग्लूकोज चढाने के लिए ले गया था। लेकिन स्टाफ ने उचित कार्रवाई नहीं की। अस्पताल के डॉक्टर पुनिश अग्रवाल ने बताया कि बच्ची को डायरिया है। आरोप है कि इमरजेंसी शुल्क लेने के बाद एक घंटे तक उसका कोई भी इलाज नहीं किया गया।
अस्पताल में हंस बोल रही थी बच्ची,पानी भी मांगा…
अमित का कहना है कि जब बच्ची यहां अस्पताल में आई थी तो वह हंस बोल रही थी। डॉक्टर से उसने पानी मांगा, डॉक्टर के कहने पर पानी दिया गया। एक घंटे बाद भी कोई डॉक्टर नहीं आया। यहां के कुछ स्टाफ ने न जाने कौन से दो इंजेक्शन लगाए। इंजेक्शन लगाने वाला फार्मेसी डिग्री होल्डर था। इंजेक्शन लगाने के बाद बच्ची का शरीर नीला पड़ गया और वह अकड़ गई थी। तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर आनन-फानन में वे खुद NICU में अपनी बिटिया लेकर गया, जहां पर डॉक्टर मौजूद थे।
बच्ची की मौत के बाद भी जबरन ऑक्सीजन पम्पिंग करने का आरोप…
पीड़ित पिता अमित का कहना है कि वे जब बिटिया को ले जा रहा था तब उन्हें एहसास हुआ की उसकी मौत हो गयी है लेकिन NICU में डॉक्टर ने जबरदस्ती ऑक्सीजन पंपिंग की। उर्मिला देवी अस्पताल के डॉक्टरों ने मृतक बिटिया को अपोलो अस्पताल भेजने के लिए तैयार किया और बोला की लड़की को वेंटिलेटर की आवश्यकता है जो कि हमारे हॉस्पिटल में नहीं है। बिना वेंटिलेटर एंबुलेंस भेज दी। जिसमे सही से ऑक्सीजन की व्यवस्था भी नहीं थी। उसी एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया। दोनों अस्पताल की साठ- गांठ की वजह से भर्ती कर वेंटिलेटर पर डाल दिया गया।
मौत के बाद बच्ची के शव देने के लिए मांगे रुपये…
शनिवार सुबह करीब पांच से आठ बजे के बीच बच्ची को मृत घोषित कर दिया गया। इनका कहना है कि उर्मिला देवी मेमोरियल हॉस्पिटल के डॉक्टर और स्टाफ कोई भी इलाज समरी नही देते हैं।
पीड़ित परिजनों का आरोप है कि अपोलो के डॉक्टरों ने मामले को रफा- दफा करने के लिए 10 लाख रुपये देने की बात कही। जिसपर इंकार करने से डॉक्टरों ने जान से मारने की धमकी दी। फिलहाल पुलिस ने जांच शुरू कर दी है लेकिन मुकदमा बाद में लिखेंगे।
निजी अस्पतालों के नोडल डॉक्टर A.P. सिंह केवल निरीक्षण और कार्रवाई के निर्देश तक ही सीमित….
लखनऊ CMO कार्यालय में अफसरों की बड़ी फौज है। निजी अस्पतालों की निगरानी के लिए डिप्टी सीमा डॉक्टर A.P. सिंह को नोडल बनाया गया है। पर डॉक्टर A. P. सिंह निरीक्षण और कार्रवाई करने के निर्देश देने तक ही सीमित रह गए हैं।

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