पूर्व सैनिक उस्ताद रामपाल राणा का हुआ निधन, चौधरी राकेश टिकैत ने दी श्रद्धांजलि

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गाजियाबाद
गाजियाबाद शहर में रहने वाले वरिष्ठ समाजसेवी एवं सेना की 8वीं केवलरी आर्मर्ड कोर के पूर्व सैनिक लॉस दफेदार रामपाल राणा करीब 100 सौ वर्ष की उम्र में चलती फिरती अवस्था में स्वर्ग सिधार गए हैं। उनके पिताजी स्वतंत्रता सेनानी स्वामी रामानंद थे। जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत की काल कोठरी तन्हाई की जेलें काटी थी।

रामपाल राणा के पुत्र शूटर शमशेर राणा के अनुसार जब पिताजी छठी कक्षा के छात्र थे तो स्कूल से घर लौटते हुए ब्रिटिश हुकूमत की टेलीफोन लाइन तोड़ने का असफल प्रयास किया था तथा देश की आजादी तक बाबा जी के पद चिन्हों पर चलकर अंग्रेजी हुकूमत से लड़ते रहे। देश आजाद होने के साढ़े तीन महीने बाद भारतीय सेना में भर्ती हो गए थे। सेना में फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रेक्टर (पीटीआई) रहे। जिन्हें सेना में उस्ताद कहकर पुकारा जाता था। उन्होंने वेस्टर्न कमांड फिजिकल ट्रेनिंग प्रिपेरटॉरी स्कूल शिमला तथा पी टी स्टाफ अहमदनगर , आर्मी स्कूल ऑफ फिजिकल ट्रेंनिंग पूना में अपनी सेवाएं दी है।

पाकिस्तान- चीन के युद्ध में निभाई भूमिका
कश्मीर पाकिस्तान के युद्ध में उस्ताद रामपाल राणा ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अवकाश प्राप्ति के बाद गाजियाबाद में उन्होंने खिलाड़ियों और खेल प्रतियोगिताएं तथा सामाजिक गतिविधियों में खुलकर सेवाएं दी हैं। खेल के क्षेत्र में उनके जाने की कमी खलेगी। उनके पुत्र भाकियू के राष्ट्रीय प्रेस प्रभारी शूटर शमशेर राणा के अनुसार आज यहां प्रताप विहार गाजियाबाद में उनके निवास स्थान पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने पहुंच कर उस्ताद पूर्व सैनिक रामपाल राणा को श्रद्धांजलि अर्पित की है। 31 मई को प्रातः 8:15 बजे निवास स्थान पर हवन तेरहवी होनी निश्चित हुई है। उनके भतीजे अंतर्राष्ट्रीय वॉलीबॉल खिलाड़ी किरणपाल राणा , यशपाल राणा , देशपाल राणा , प्रोफेसर धर्मवीर राणा , सतपाल राणा , वीरेंद्र राणा योगेंद्र राणा , अनिल कुमार राणा समस्त परिवार के सदस्यों को छोड़ गए हैं

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