नई दिल्ली
दिल्ली में बढ़ते पानी संकट को लेकर दिल्ली सरकार और हरियाणा सरकार के बीच सियासत गरमा गई है। वहीं दूसरी ओर पानी की समस्या को लेकर विपक्षी पार्टी राज्य की सत्ताधारी पार्टी पर निशाना साधती नजर आ रही है। दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी का आरोप है कि रिकॉर्ड तापमान के बीच हरियाणा सरकार दिल्ली के हिस्से के पानी में कटौती कर रही है। ऐसे में दिल्ली सरकार ने पानी के हक के लिए अब सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय लिया है।
गुरूवार को आतिशी ने आरोप लगाते हुए कहा कि हरियाणा सरकार यमुना में पर्याप्त पानी नहीं छोड़ रही है। इससे दिल्ली में जल संकट गहराता जा रहा है। हालांकि, इससे निपटने के लिए सरकार ने तैयार है। सरकार ने वाटर टैंकर वार रूम बनाया है, जहां से दिल्लीवासी 1916 पर कॉल कर टैंकर मंगवा सकते हैं। पानी की बर्बादी रोकने के लिए जल बोर्ड की 200 टीमें बनाई गईं हैं।
निर्माण साइटों, कार वाशिंग और कार रिपेयर सेंटर पर जल बोर्ड के पोर्टेबल पानी के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। आदेश का पालन न करने पर साइट सील की जाएगी। इधर, आतिशी ने वजीराबाद तालाब का निरीक्षण कर बताया कि यमुना का सामान्य जलस्तर 674 फीट से घटकर 670.3 फीट पर आ गया है। इससे कई इलाकों में पानी की कमी हो गई है। हरियाणा से यमुना में छोड़े जाने वाला पानी वजीराबाद, चंद्रावल व ओखला वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को मिलता है।