लखनऊ में भीषण गर्मी का कहर, रमाबाई में PAC सिपाही की मौत, ड्यूटी के दौरान गई जान

PAC कैंप में जवानों के लिए किसी तरह के नहीं हैं इंतजाम

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लखनऊ, रिपोर्टर।
राजधानी लखनऊ में रमाबाई अंबेडकर मैदान स्थित मतगणना स्थल पर शनिवार दोपहर PAC सिपाही की दस्त के बाद सीने में दर्द होने लगा। साथी उसे अस्पताल ले गए। तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। वह ड्यूटी कर रहा था।
सहारनपुर निवासी जवान 23वीं वाहिनी PAC मुरादाबाद यूनिट में तैनात था। आशंका है कि भीषण गर्मी में ड्यूटी के दौरान हीट स्ट्रोक की वजह से सिपाही की मौत हुई है।
मतगणना स्थल पर PAC कैंप में जवानों के लिए किसी तरह के नहीं हैं इंतजाम…
मतगणना स्थल पर PAC कैंप में जवानों के लिए किसी तरह के इंतजाम नहीं हैं। न तो पंखा है, न ही कूलर। हालांकि, आरक्षी की मौत के बाद अधिकारियों ने चुप्पी साध ली। राजधानी में शनिवार को अधिकतम तापमान 42.2 डिग्री दर्ज किया गया। जो सामान्य अधिकतम तापमान से दो डिग्री अधिक है।
ड्यूटी के दौरान करीब 12.30 बजे शुरू हुई थी दस्त…
सहारनपुर जिले के सरसावा निवासी आदेश प्रजापति (32) मुरादाबाद PAC 23वीं वाहिनी में जीडी लेखक थे। 11 मार्च को मुरादाबाद PAC की गारद लखनऊ आकर रमाबाई अंबेडकर स्थल में रुकी थी। शनिवार दोपहर ड्यूटी के दौरान करीब 12.30 बजे उन्हें दस्त होने लगी। गंभीर स्थिति पर साथी जवान आदेश को इलाज के लिए लोकबंधु हॉस्पिटल ले गए।
शुरुआती जांच में हीट स्ट्रोक का अंदेशा…
इंस्पेक्टर आशियाना छत्रपाल सिंह ने बताया कि PAC जवानों ने सूचना दी कि सिपाही ने सीने में दर्द के साथ कमजोरी की शिकायत की। साथी जवानों ने उसे लोकबंधु अस्पताल पहुंचाया। सीने में दर्द की शिकायत के बाद आदेश को सिविल अस्पताल रेफर किया गया था, जहां पहुंचने के कुछ देर बाद सिपाही की मौत हो गई। शव पोस्टमार्टम को भेजा गया है। रिपोर्ट से मौत का कारण स्पष्ट होगा। साथी PAC कर्मियों ने शुरुआती जांच में हीट स्ट्रोक पड़ने का अंदेशा जताया है।
शादी के कुछ दिन बाद ही ड्यूटी पर आ गया था आदेश…
जीडी लेखक आदेश की शादी फरवरी में हुई थी। साथी PAC जवानों ने बताया कि शादी के कुछ दिन बाद ही ड्यूटी पर आ गया था। फिर सहारनपुर नहीं लौट सका था। रमाबाई अंबडेकर स्थल में हुए हादसे की सूचना सिपाही के पिता नरेंद्र प्रतापति को दी गई है।
भीषण गर्मी से बचाने के लिए कोई इंतजाम नहीं…
साथी की मौत से अक्रोशित अन्य जवानों ने बताया कि इतनी भीषण गर्मी से बचाने के लिए कोई इंतजाम नहीं है। न पंखा है और न ही कूलर लगाये गए हैं। अफसरों के पहुंचने के बाद सभी ने चुप्पी साध ली। कोई बोलने को तैयार नहीं था।

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