कमेटी गठित कर बाढ़ प्रभावित के नुकसान का सर्वे करवाए सरकार, मिले सभी को उचित मुआवजा

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने रखी मांग, कहा मिले दुकानदारों, व्यापारियों और किसानों को राहत, मृतक के परिजन को मिले एक करोड़ की रा​शि

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नई दिल्ली
सत्यपाल सिंह 
बाढ़ प्रभवित लोगों को उचित मुआवजा देने के दिल्ली सरकार को एक कमेटी का गठन करना चाहिए। यह कमेटी सर्वे करके सभी पीड़ित को उचित मुआवजा दिला सकती है। सोमवार को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को बाढ़ के संकट में धकेल दिया है। यदि सरकार समय पर उचित कदम उठाती तो लोगों को ज्यादा नुकसान नहीं होता। सड़कों पर बारिश और बाढ़ का पानी आने से किसानों, बड़े व्यापारियों, लघु, छोटे कारोबारियों, सहित मजनू का टीला से बदरपुर तक सड़कों व रेहड़ी पटरी लगाने वाले वाले लोगों का भी बड़ा नुकसान हुआ है। इस नुकसान की भरवाई के लिए 10 हजार रुपये काफी कम है। प्रदेश अध्यक्ष ने मांग की मानसून में मरने वाले लोगों के आश्रितों को दिल्ली सरकार एक-एक करोड़ का मुआवजा दे।
पार्टी कार्यालय में हुए संवाददाता सम्मेलन में पूर्व मंत्री डा. नरेन्द्र नाथ, प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक जय किशन, कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन व पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज, पूर्व विधायक हरी शंकर गुप्ता, बूथ मैनेजमेंट कमेटी के चेयरमैन राजेश गर्ग, कम्युनिकेशन विभाग के वाईस चेयरमैन अनुज आत्रेय और श्री विक्रम लोहिया सहित अन्य गणमान्य लोग उप​स्थित थे।

अनिल कुमार ने कहा कि बाढ़ के बाद प्रभावित लोगाें के पुनर्वास, महामारी फैलने का खतरा सहित अन्य चुनौती खड़ी हो गई हैं। लेकिन हर संकट की तरह मुख्यमंत्री पूरी तरह विफल साबित रहे है। पिछले 9 सालों में केजरीवाल पूरी तरह निष्क्रिय मुख्यमंत्री साबित हुए है।
दिल्ली के स्वास्थ्य एवं बाढ़ मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बाढ़ को लेकर आरोप लगाने का काम तो बखूबी निभाया लेकिन अभी तक बाढ़ ग्रसित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की क्या व्यवस्था है, इस कोई बड़ी घोषणा नहीं की है। जगह-जगह परेशानी है। जानवरों के शव के कारण बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है, लेकिन सरकार में कोई साथ देने वाला नहीं दिख रहा है।
केजरीवाल दिल्ली में सरकार नहीं सर्कस चला रहे है, हर जनता से जुडे़ हर मुद्दे पर वे विपक्ष या उपराज्यपाल से मतभेद करते दिखाई देते है। बाढ़ से पूर्व 10 जुलाई को उन्होंने बयान दिया कि बाढ़ से कोई संकट नही और 12 जुलाई को दिल्ली में बाढ़ ने खतरनाक रुप ले लिया। पहले भाजपा के साथ समन्वय की बात करते है, एक दिन बार कठघरे में खड़ा करते है। यह केजरीवाल की नौटंकी नही तो क्या है।
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