सपा व इंडिया गठबन्धन के संघर्ष से नफरत के सौदागरों को मिली शिकस्त: प्रो. रूपरेखा वर्मा

अखिलेश के नेतृत्व में संसद से सड़क तक संघर्ष जारी रखने का दिलाया भरोसा

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लखनऊ, डेस्क।
लखनऊ के बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, साहित्यकारों और प्रबुद्ध नागरिकों की बुधवार को सांझी दुनिया कार्यालय में एक बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति प्रो. रूपरेखा वर्मा ने की। इसमें विशेष रूप से पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी शामिल रहे। इस अवसर पर प्रो. रूपरेखा वर्मा ने राजेंद्र चौधरी को सिविल सोसाइटी की ओर से हस्ताक्षरित और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को संबोधित पत्र सौंपा।
लोकतंत्र और संविधान पर हमले की आशंका को देखते हुए अखिलेश यादव के नेतृत्व में संसद से सड़क तक संघर्ष जारी रखने का भरोसा

प्रो. रूपरेखा वर्मा ने कहा कि भारतीय संविधान की रक्षा और गरीब जनता के हित में जो संघर्ष समाजवादी पार्टी और इंडिया गठबन्धन ने किया उससे नफरत के सौदागरों को शिकस्त मिली। नागरिक समाज ने अखिलेश यादव का अभिनंदन करते हुए उनकी और गठबन्धन के सभी घटकों की प्रशंसा की। साथ ही प्रो. रूपरेखा ने लोकतंत्र और संविधान पर हमले की आशंका को देखते हुए अखिलेश यादव के नेतृत्व में संसद से सड़क तक संघर्ष जारी रखने में नागरिक समाज के सहयोग का भी भरोसा दिलाया।
भारतीय संविधान की रक्षा के लिए जोरदार लड़ाई लड़ी उसके लिये हमारा साधुवाद

अखिलेश यादव को संबोधित पत्र में कहा गया है कि ”2024 के लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के घटक के रूप में और उत्तर प्रदेश की एक प्रमुख पार्टी के अध्यक्ष के रूप में आपने जिस तरह साधारण जनता के मुद्दों की पैरवी की और जिस तरह भारतीय संविधान की रक्षा के लिए जोरदार लड़ाई लड़ी उसके लिए आपको हमारा साधुवाद। उत्तर प्रदेश को जिस तरह सत्ता में काबिज लोगों ने धर्मांधता और विभाजन का अड्डा बना दिया है, उसके खिलाफ गरीब जनता के हित में जो संघर्ष आपकी पार्टी ने और पूरे गठबंधन ने किया और जिस समझदारी के साथ चुनाव लड़ा उसी का परिणाम है कि आज पूरा देश उत्तर प्रदेश की तारीफ कर रहा है। आप व गठबंधन के प्रयास ने नफरत के सौदागरों को जो शिकस्त दी उसके लिए नागरिक समाज आपकी और गठबंधन के सभी घटकों की प्रशंसा करता है।
लोकतंत्र और संविधान को खत्म करने का खतरा अभी नहीं टला

आपके और जनता के संकल्पित प्रयास से संविधान विरोधियों को मात देने का यह सिलसिला रूकना नहीं चाहिए। वह फिर लामबंद होंगे और नफरत का खेल खेलेंगे। जनता के मुद्दों को नकारेंगे। विरोधी पार्टियों को तोड़ने की कोशिश करेंगे और जनता को आपस में लड़ा कर लोकतंत्र पर हमला करेंगे। इसलिए जो संघर्ष चुनाव के दौरान किया गया उसकी एकजुटता और जज्बा जारी रखने में आपके व इंडिया गठबंधन के सक्रिय सहयोग की अपेक्षा है।
लोकतंत्र और संविधान को खत्म करने का खतरा अभी टला नहीं है। इसलिए लगातार सजग रहने की जरूरत है। संसद से सड़क तक का सजग संघर्ष आपके और नागरिक समाज दोनों के माध्यम से जारी रहेगा, ये हमारी आशा है और आपसे अपेक्षा भी।
मतदाताओं ने नफरत की राजनीति के खिलाफ किया वोट

मतदाताओं ने नफरत की राजनीति के खिलाफ वोट किया है जनता के संकल्प की रक्षा के लिए हम आप और आपके गठबंधन से अपील करते हैं।”

इन लोगों ने किए हस्ताक्षर

पत्र में प्रो. रूपरेखा वर्मा के अलावा इप्टा नाट्य निर्देशक राकेश वेदा, साहित्यकार वीरेन्द्र यादव, लविवि में राजनीति शास्त्र पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. रमेश दीक्षित, पूर्व प्रत्याशी मेयर वंदना मिश्रा, सामाजिक कार्यकर्ता एवं इ.वि.वि. के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष लाल बहादुर सिंह, व्यंग्य लेखक राजीव ध्यानी, एपवा कार्यकर्ता मीना सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता एवं टिप्पणीकार अतहर हुसैन आदि के हस्ताक्षर हैं।

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