आजमगढ़: डॉ. श्यामा प्रसाद के संकल्प को मोदी सरकार ने किया साकार- ओपी श्रीवास्तव

भाजपा भारतीय जनता पार्टी लालगंज ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस के अवसर पर गोष्ठी का आयोजन

0 98

आजमगढ़, उपेन्द्र कुमार पांडेय।
भारतीय जनता पार्टी ने डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस के अवसर पर जिला कार्यालय में श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश विभाग एवं प्रकोष्ठ के प्रभारी ओम प्रकाश श्रीवास्तव मौजूद रहे। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष सूरज प्रकाश श्रीवास्तव ने किया।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटने से पहले और उसके बाद के हालातों पर चर्चा की जाय तो आज वह की परिस्थिति बदल चुकी है। जनसंघ संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के संकल्प को मोदी सरकार ने साकार करते हुए जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाकर वहां पर अमन और चैन कायम किया है। इसके हटने के बाद से वहां के लोगों में लोकतंत्र के प्रति आस्था बढ़ी है। उनका लोकतंत्र में विश्वास बढ़ने का ताजा उदाहरण पिछले दिनों हुए चुनाव में जमकर की गई वोटिंग है।
श्री श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपने जीवन का पल-पल राष्ट्र की एकता, अखंडता और अक्षुण्णता को समर्पित किया। उन्होंने देश में ‘एक विधान, एक निशान और एक प्रधान’ की संकल्पना के लिए अथक संघर्ष किया और राष्ट्र के नाम अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। उनके दिखाए मार्ग पर चलकर मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 35A को हटाया और प्रदेश को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा।


भाजपा जिला अध्यक्ष सूरज प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि आज ऐसे महामानव का बलिदान दिवस मनाया जा रहा है जो हमेशा राष्ट्र सर्वोपरि मान कर काम किया। जम्मू और कश्मीर में एक विधान एक प्रधान का नारा देकर भारत का अभिन्न हिस्सा माना। श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जम्मू कश्मीर को भारत का पूर्ण और अभिन्न अंग बनाना चाहते थे। उस समय जम्मू कश्मीर का अलग झण्डा और अलग संविधान था। वहाँ का मुख्यमंत्री, प्रधानमन्त्री कहलाता था। संसद में अपने भाषण में डॉ. मुखर्जी ने धारा-370 को समाप्त करने की भी जोरदार वकालत की। जिनके सपनों को साकार करने का काम देश यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के यशस्वी गृह मंत्री अमित शाह ने धारा 370 को समाप्त करने का काम किया है।
अगस्त 1952 में जम्मू की विशाल रैली में उन्होंने अपना संकल्प व्यक्त किया था कि या तो मैं आपको भारतीय संविधान प्राप्त कराऊँगा या फिर इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये अपना जीवन बलिदान कर दूँगा। उन्होंने तात्कालिन नेहरू सरकार को चुनौती दी तथा अपने दृढ़ निश्चय पर अटल रहे। अपने संकल्प को पूरा करने के लिये वे 1953 में बिना परमिट लिये जम्मू कश्मीर की यात्रा पर निकल पड़े। वहाँ पहुँचते ही उन्हें गिरफ्तार कर नज़रबन्द कर लिया गया।

इस अवसर पर निवर्तमान जिला अध्यक्ष ऋषिकांत राय,रमाकांत मिश्र, मनोज यादव, कृष्ण मुरारी विश्वकर्मा, हनुमत सिंह, शेर बहादुर सिंह, अजय यादव, मनोज राय, आशुतोष राय, मयंक श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।

Leave A Reply

Your email address will not be published.