UP में स्थानांतरण समाप्त होने के बावजूद किये गए पदाधिकरियों के तबादले,कर्मचारी परिषद एवं संयुक्त मोर्चा में आक्रोश

उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक से तबादलों को निरस्त करने की मांग

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लखनऊ। स्थानांतरण सत्र समाप्त होने बावजूद कई पदाधिकारियों के तबादले से राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद एवं कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा में आक्रोश है। स्वास्थ्य विभाग पर बदले की भावना से स्थानांतरण करने का आरोप लगाते हुए उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक से इन पदाधिकारियों के स्थानांतरण को निरस्त करने की मांग की गई है।
मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वी पी मिश्रा ने नाराजगी जतायी और कहा कि कि स्थानांतरण समाप्त होने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बदले की भावना से अध्यक्ष एवं मंत्री का तबादला करा दिया।
वहीं राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने पदाधिकारियों के स्थानांतरण को नीतिविरुद्ध बताया। महामंत्री अतुल मिश्रा एवं प्रमुख उपाध्यक्ष सुनील यादव ने कहा कि परिषद के रायबरेली अध्यक्ष राजेश सिंह का स्थानांतरण काफी दूरस्थ जनपद सोनभद्र, हरदोई अध्यक्ष जेएन तिवारी का बदायूं एवं बलरामपुर अध्यक्ष एम एम त्रिपाठी का मथुरा किया गया है। इसके साथ ही श्रावस्ती और शामली के पदाधिकारियों का भी स्थानांतरण किया गया है। कुछ पदाधिकारियों की सेवानिवृत्ति तिथि 2 वर्ष से कम है, तबादले में स्थानांतरण नीति 23 के पैरा 12 और 5 का उल्लंघन हुआ है। यह भी संज्ञान में आया है कि कुछ फर्जी शिकायतो को आधार मानकर बिना किसी जांच के एकतरफा कार्रवाई की गई हैं। जो नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत के विरुद्ध और निरस्त होने योग्य हैं।
वीपी मिश्रा ने कहा कि माननीय उप मुख्यमंत्री श्री बृजेश पाठक जी के हस्तक्षेप से किसी भी पदाधिकारी का स्थानांतरण नहीं हुआ था। हम उनके आभारी हैं। उन्होंने बृजेश पाठक से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को स्थानांतरण सत्र के समाप्त होने के बाद किए गए पदाधिकारियों के तबादलों को निरस्त करने के निर्देश देने का अनुरोध किया है। ताकि आपसी सामंजस्य बना रहे, जिससे आंदोलन की स्थिति न बने।

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