सहारनपुर, संवाददाता।
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने सहारनपुर के डीआईजी अजय साहनी द्वारा कांवड़ मार्ग में पडऩे वाली दुकानों पर प्रोपराइटर का नाम लिखने के आदेश को यूपी पुलिस का तुगलकी फरमान बताया है। सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने ये भी कहा कि प्रशासन समाज को बांटने का प्रयास कर रहा है। यूपी पुलिस का तुगलकी फरमान समाज को बांटने का काम करेगा
सांसद ने कहा कि यूपी पुलिस ने एक तुगलकी फरमान समाज को बांटने का काम करेगा। कांवड़ यात्रा का हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी को सम्मान करना चाहिए। उन्हें समाज में एकजुटता का संदेश देना चाहिए। इस तरह की बातें नफरत को बढ़ावा देती हैं, यह फरमान बहुत ही दुखद है। कांवड़ बनाने वाले लोगों में मुसलमान भी शामिल
उन्होंने यह भी कहा कि कांवड़ बनाने वाले लोगों में मुसलमान भी शामिल हैं, कांवडिय़ों पर इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा। कांवडिय़ों के पहनने वाले कपड़े सहारनपुर के होजरी में तैयार होते हैं, जो मुस्लिम भाई बनाते हैं। ये लोग हिंदू-मुसलमान को बांटने की बात कर रहे हैं।
सांसद इमरान मसूद ने आगे कहा कि हिंदू-मुसलमान की बात मत करो। अगर बात करनी है तो नौजवान के रोजगार, किसानों की फसलों के दाम और व्यापारी के नुकसान की बात करनी चाहिए। ये लोग सिर्फ इधर-उधर की बात कर लोगों का ध्यान भटका देते हैं।
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि वह हार रहे हैं, इसलिए जनता को बेवकूफ बना रहे हैं। कांवड़ एक श्रद्धा का काम है और उनका सम्मान करना सभी का फर्ज है। उन पर पुष्प वर्षा होनी चाहिए। कांवड़ यात्रा को लेकर जारी किए गए हैं यह आदेश
मुजफ्फरनगर और सहारनपुर प्रशासन की ओर से कांवड़ यात्रा को लेकर नए आदेश जारी किए गए हैं। इन आदेशों में कहा गया कि कांवड़ मार्ग में पडऩे वाली दुकानों, ढाबों पर प्रोपराइटर यानी मालिक का नाम लिखना अनिवार्य है। प्रशासन के आदेश पर अखिलेश यादव ने भी उठाए थे सवाल
प्रशासन के इस आदेश पर अखिलेश यादव ने भी सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा? माननीय न्यायालय स्वत संज्ञान ले और प्रशासन के पीछे के शासन की मंशा की जांच करवाकर, उचित दंडात्मक कार्रवाई करे। ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाडऩा चाहते हैं।