दिल्ली को नए मास्टर प्लान की जरूरत है।दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी में रहने वालों को कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। बारिश में पानी भर रहा है। रास्ते जाम हो रहे हैं इसलिए दिल्ली में नये मास्टर प्लान की ज़रूरत है।हाईकोर्ट की टिप्पणी पर चैंबर ऑफ ट्रेड इंड इंडस्ट्री (CTI) ने भी सहमति जताई है।
CTI चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने कहा कि दिल्ली की भौगोलिक परिस्थिति, आबादी, बाजार में काफी बदलाव आया है। मास्टर प्लान नए सिरे से बनना चाहिए। पहले भी कई दफा CTI नए ढंग से मास्टर प्लान बनाने की आवाज उठाता रहा है।
केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात का मांगा समय
इस संदर्भ में सीटीआई ने केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर को पत्र लिखा है और उनसे मुलाकात का समय मांगा है।
पत्र में सीटीआई ने कहा है कि 20 वर्षों में दिल्ली की आबादी काफी बढ़ी है, मास्टर प्लान 2041 अभी तक नहीं आया है। इसमें व्यापारिक और उद्यमियों के सुझावों को लिया जाए।
वर्षों पुराने ड्रेनेज सिस्टम को बदलने की जरूरत
आज दिल्ली के किसी कोने में जरा-सी बारिश हो जाए, तो जलभराव हो जाता है। पानी निकासी का उपयुक्त इंतजाम नहीं है। वर्षों पुराने ड्रेनेज सिस्टम को बदलने की जरूरत है।
बाजारों में वाटर लॉगिंग, अतिक्रमण, पार्किंग की कमी, तारों के मकड़जाल, टूटी सड़कें, आग की समस्या में व्यापारी फंसे हैं।
CTI की मांग है कि मास्टर प्लान 20 साल के बजाए 10 साल का होना चाहिए। तभी वास्तविक दिक्कतों को समझकर उसका समाधान हो सकता है।
दो दिन पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने भी कहा है कि एजेंसियों को हर चीज का पुनर्निर्माण करना होगा।