कमजोर हुई AAP, ढहेगा DELHI का किला, संशय बरकरार

दिल्ली में अभी भी करीब 24 सीट पर मजबूत है आप, 17 सीट पर भाजपा, 30 सीटों पर काटे का मुकाबला, आप के खाते में अ​धिकतम 38 तक सीट आने की हैं उम्मीद

0 284
नई दिल्ली
दिल्ली में 26 साल बाद भाजपा का सत्ता से वनवास दूर होगा या आप बाजी मार जाएगी। इस पर से कल पर्दा उठ जाएगा। Chaitanya media private limited के तरफ से करवाए गए सर्वे में आम आदमी पार्टी का पक्ष अभी भी भारी लग रहा है। मध्यम, निम्न और गरीब वर्ग का वोट एक बार फिर से आप को मिला है।
सर्वे के मुताबिक आप 30 से 38 सीट तक जीत सकती हैं। जबकि भाजपा 35 से 40 सीट तक मिलने की उम्मीद है। इस चुनाव में एक बार फिर से कांग्रेस को खाली हाथ रहना पड़ सकता है। वहीं दिल्ली की चुनाव में हलचल मचाने वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन को भी कोई सीट मिलने की उम्मीद नहीं दिख रही।

 

दो सीट पर मुकाबले से बाहर हुई भाजपा
राजनीतिक समझाैते के तहत सहयोगी पार्टी को दी गई विधानसभा में भाजपा चुनाव से सीधे तौर पर बाहर हो गई। देवली और बुराड़ी विधानसभा में भाजपा का सिम्बल न होने के कारण सीधे चुनाव कांग्रेस और आप के बीच में हुआ। इसका सीधा फायदा आप को गया। भाजपा के काफी समर्थक कमल का चुनाव चिन्ह न मिलने पर दूसरे पार्टी के पक्ष में वोट कर आए। देवली में एलजेपी(आरवी) और बुराड़ी में जनता दल (यूनाइटेड) के चुनाव चिन्ह पर वोट पड़ा, लेकिन उम्मीद से काफी कम लोग इन पार्टी के लिए खुलकर बाहर आए। भाजपा समर्थक इन विधानसभा में भी वोट डालने के लिए कमल का चिन्ह तलाशते रहे।

 

आप से दूर हुई महिलाएं, समर्थक भी टूटे
दिल्ली में एक पर एक शराब की बोतल बिकने, गंदे पानी की सप्लाई, सड़कों पर बसों के गायब होने, दिल्ली में काम बा​धित होने से परेशान आम आदमी पार्टी के काफी समर्थक उनसे छिटक गए हैं। बड़ी संख्या में महिलाओं ने भी आम आदमी पार्टी के ​खिलाफ वोट किया है। लोगों में पार्टी को लेकर आई नाराजगी के कारण 30 सीटें सीधे तौर पर फंस गई हैं। इन 30 सीटों पर जीत का अंतर हजार से दो हजार वोट के बीच रहने की उम्मीद है। इन सीटों पर जीत का ऊंट किसी भी करवट बैठ सकता है।

 

11 साल बाद नई दिल्ली में कांग्रेस और भाजपा के बीच लड़ाई
दिल्ली में करीब 11 साल बाद नई दिल्ली विधानसभा में कांग्रेस और भाजपा के बीच लड़ाई हुई। यह सीट भाजपा के खाते में जाती दिख रही है। जबकि कांग्रेस दूसरे नंबर पर रहने की उम्मीद हैं। वहीं अरविंद केजरीवाल तीसरे नंबर पर रह सकते हैं। कांग्रेस और भाजपा के बीच जीत का अंतर काफी कम रहने की उम्मीद है।

 

हार सकते हैं आप सरकार के मंत्री
दिल्ली में हुए चुनाव के दौरान आप सरकार में मंत्री रहे कई विधायक हार सकते हैं। इसमें मुख्यमंत्री आतिशी का नाम भी शामिल हैं। इस बार उन्हें जेजे कलस्टर का वोट काफी कम मिला है। जबकि गांव का वोट सीधे भाजपा को गया है। इस सीट पर कांग्रेस भी मजबूती से लड़ी है। इसके अलावा बाबरपुर, नांगलोई जाट, मटिया महल भी फंसी हुई है। हालांकि ग्रेटर कैलाश और सुल्तानपुर माजरा विधानसभा आप के खाते में जाती हुई दिख रही है। वहीं पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी चुनाव हार सकते हैं।

 

दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सर्वे
मतदान से पहले (पांच दिन)
सैंपल में शामिल कुल लोग 40865
पुरुष : 19865
महिलाएं : 20995
थर्ड जेंडर : 5

 

कुल लोकेशन
70 विधानसभा
40 व्यक्ति × 30 जगह = 1200 जगह
एक विधानसभा में 16 से 18 जगह

 

सैंपल लेने की जगह
– सोसायटी
– जेजे क्लस्टर व झुग्गी
– कॉलोनी
– अस्पताल की ओपीडी पर्ची बनाने की जगह
– बस स्टैंड
– बाजार
– शौचालय के आसपास
– दिल्ली जल बोर्ड के शिकायत केंद्र
– स्कूल के गेट पर
– गांव के चौपाल

 

मतदान के लोगों से बातचीत
कुल जगह
40 व्यक्ति × 8 पोलिंग स्टेशन = 320 जगह (70 विधानसभा) (एक विधानसभा में 4 से 6 जगह)
कुल लोगो से बातचीत : 40520 लोग
एक पोलिंग स्टेशन पर = 110 से 140 लोग
महिला : 20515
पुरुष : 20005

 

कुल सैंपल साइज = 81385
परिणाम, वोट पक्ष में
आप : 42.15 फीसदी
भाजपा : 42.58 फीसदी
कांग्रेस : 11.27
अन्य : 4 फीसदी
Leave A Reply