लखनऊ के अकबर नगर को दोबारा बसाने की मांग, लखनऊ बचाओ संघर्ष समिति का आरोप- गुमराह कर रहे हैं सीएम

सीएम का अकबर नगर में अवैध अतिक्रमणकारियों को हटाने का बयान दुर्भाग्यपूर्ण

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लखनऊ,संवाददाता।
लखनऊ के अकबर नगर ध्वस्तीकरण के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार गुमराह कर रही है। वहां 1925 से पहले से ही आबादी बाकायदा 1332 फसली के रिकॉर्ड में दर्ज है। नगर निगम में आवास दर्ज होने की वजह से ही वे हाउस टैक्स जमा करते थे। उनके पास बिजली, पानी के कनेक्शन थे और इनका वह भुगतान भी करते थे। यही नहीं उस इलाके के विकास के लिए सरकार की योजनाओं को लागू किया गया और सड़क, प्रकाश, बिजली पानी से लेकर नाली तक के तमाम निर्माण कार्य कराए गए। यह जानकारी लखनऊ बचाओ संघर्ष समिति के सदस्य व अकबरनगर के नेता इमरान राजा ने सोमवार को प्रेस वार्ता के दौरान दी।
अकबरनगर में संवैधानिक अधिकार का उल्लघंन करते हुए किया गया बेदखल
प्रेस क्लब में वार्ता के दौरान इमरान राजा ने बताया कि सीएम का यह कहना कि अकबर नगर में अवैध अतिक्रमणकारी थे जिन्हें हटा दिया गया, दुर्भाग्यपूर्ण और गलत बयान है। कहा कि अकबरनगर में सम्मानजनक जीने के संवैधानिक अधिकार का उल्लघंन करते हुए लोगों को बेदखल किया है। इसलिए सरकार को अपनी गलती को स्वीकार कर वहां के निवासियों को उनके मकान का पर्याप्त मुआवजा देना चाहिए और उन्हें अकबरनगर में ही पुनस्र्थापित करना चाहिए।
26 को संघर्ष समिति की बैठक में होगी आंदोलन की घोषणा
इमरान राजा ने बताया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र भेजा गया है और यदि सरकार इसे नहीं सुनती है तो इसको विधानसभा, लोकसभा में उठाने का प्रयास किया जाएगा। साथ ही अदालत में भी इस पर दखल दिया जाएगा। 26 जुलाई को आयोजित लखनऊ बचाओ संघर्ष समिति की बैठक में रणनीति तय कर शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक आंदोलन की घोषणा की जायेगी। साथ ही अकबरनगर की सच्चाई को लखनऊ के आम नागरिकों को बताने के लिए संवाद अभियान चलाया जायेगा।
1500 करोड़ रुपए के कुकरैल रिवर फ्रंट, प्राणि उद्यान, नाइट सफारी के लिए साबरमती रिवर फ्रंट बनाने वाली गुजरात की कंपनियों को टेंडर दिया जा रहा है। इन रियल एस्टेट कम्पनियों की एजेंट बनी प्रदेश सरकार आम जनता की तबाही करने पर आमादा है।
हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अवसाफ अहमद ने बताया कि अकबर नगर के लोग बिजली का बिल, हाउसटैक्स जैसे लीगल शुल्क जमा करते थे तो उनकी जमीनों को किस आधार पर अवैध घोषित कर दिया गया।
50 मीटर फ्लड प्लेन जोन की ना तो कोई आवश्यकता है और ना ही कोई प्रस्ताव है
ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के प्रदेश महासचिव दिनकर कपूर ने बताया कि सरकार को यह बताना चाहिए कि जब उसने 35 मीटर रिवर बेड में ही कुकरैल रिवर फ्रंट के निर्माण करने का निर्णय लिया है और यहां तक कहा है कि 50 मीटर फ्लड प्लेन जोन की ना तो कोई आवश्यकता है और ना ही उसका कोई प्रस्ताव है। तब ऐसी स्थिति में अकबरनगर में 500 मीटर तक बसे लोगों को डूब क्षेत्र में आने के नाम पर बुलडोज कर देना कहां तक न्याय संगत है?
अकबरनगर को तहस-नहस कर दिया गया
सीपीएम नेता प्रवीन सिंह, कांग्रेस के शहर अध्यक्ष डॉ. शहजाद आलम, सीपीआई के नेता चंद्रशेखर, भाकपा (माले) की केंद्रीय कमेटी सदस्य कृष्णा अधिकारी आदि ने कहा कि सौमित्र शक्ति वन के उद्घाटन में कुकरैल रिवर फ्रंट के बारे में मुख्यमंत्री बड़ी-बड़ी बातें कह रहे थे और जिसके नाम पर अकबरनगर को तहस-नहस कर दिया गया।
जमीन, मकान का कोई मुआवजा नहीं दिया गया
एपवा नेता मीना सिंह, जागरूक नागरिक मंच के रामबाबू, कमलेश सिंह, समाजवादी पार्टी की पूर्व सचिव शर्मिला महाराज, युवा मंच के शानतम सहाय आदि ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा यह कहना कि अकबरनगर के लोगों का विधिवत पुनर्वास किया गया है, पूर्णतया असत्य है। सच यह है कि उन्हें उनकी जमीन, मकान का कोई मुआवजा नहीं दिया गया। बसंत कुंज योजना में उन्हें जो एक कमरे का आवास आवंटित किया गया है, उसका भी 4 लाख 80 हजार रुपए उनसे प्रतिमाह 3300 रूपए की किस्त के जरिए 15 साल में वसूला जाएगा। हालत इतने बुरे हैं कि जिस बसंत कुंज योजना में वह रह रहे हैं वहां सरकारी शिक्षा-स्वास्थ्य की भी व्यवस्था नही है।
संत कुंज में अधेड़ ने चौथी मंजिल से कूदकर दी थी जान
लखनऊ बचाओ संघर्ष समिति के सदस्य इमरान राजा ने बताया कि बसंत कुंज में शनिवार को एक करीब 50 वर्षीय इशरत अली ने चौथी मंजिल से कूदकर खुदकुशी कर ली थी। अब तक वहां दर्जनों लोगों ने जान दिया है। सभी अपने घर के टूटने से अवसाद में थे। वहीं रोजगार भी चला गया है। करीब 5 हजार बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं। जंगल में बसंत कुंज योजना को बसाया गया है जो शहर से काफी दूरी पर है। अकबर नगर में स्कूली बस के लिए एक बच्चे का जहां शुल्क करीब 300 महिने लगता था अब वही हजार के ऊपर पहुंच चुका है। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई बाधित है।
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