अलर्ट! बारिश के बाद एक से दो सप्ताह तक डेंगू के केस बढ़ने की संभावना
एक सप्ताह का होता है डेंगू मच्छर का जीवन चक्र, इस दौरान पनपते हैं डेंगू के मच्छर
लखनऊ, संवाददाता।
मानसून की बारिश के बाद लोगों को राहत तो मिली है लेकिन मच्छरजनित रोगों के बढऩे की संभावना बढ़ गयी है। संयुक्त निदेशक वीबीडी डॉ. विकास सिंघल बताते हैं कि शनिवार और रविवार की बारिश के बाद सोमवार को धूप निकली है। बारिश रुकने के बाद एक से दो सप्ताह तक डेंगू के केस बढ़ने की संभावना होती है, क्योंकि डेंगू मच्छर का जीवन चक्र एक सप्ताह का होता है और इस दौरान डेंगू के मच्छर पनपते हैं।
पानी इकट्ठा होने वाले स्थान को जरूर करें साफ
डॉ. सिंघल ने बताया कि मौसम खुलने पर लोगों को अपने घरों की आंगन, लॉन, छतों या अन्य ऐसे खुले स्थान जहां पर पानी इकट्ठा होने की सम्भावना है, उस स्थान को जरूर साफ करना चाहिए। जैसे कूलर, गमले की ट्रे, खुली पानी की टंकी, पुराने टायर, टूटे- फूटे बर्तन, टूटी बाल्टी, मग, टब, नारियल का खोल, पशु पक्षियों के खाने के पात्र आदि।
फ्रिज की ट्रे व घरों के अंदर शो प्लांट का भी हर सप्ताह बदलते रहें पानी
उन्होंने बताया कि यह अपनी आदत बना लें कि कूलर की सफाई हर सप्ताह करनी है। इसके अलावा फ्रिज की ट्रे का भी पानी बदलें। घरों के अंदर शो प्लांट हैं तो उनका भी पानी हर सप्ताह बदलते रहें। अनुपयोगी वस्तुओं को फेंक दें और पुराने कूलर को ऐसी जगह रखें जहां बरसात का पानी न भरे। इसके अलावा घर के आस- पास खाली प्लाट, पार्क में भी यदि पानी इकठ्ठा है तो वहां पर जला हुआ मोबिल ऑयल डाल दें। यदि हमें डेंगू के प्रसार को रोकना जरूरी है तो विभिन्न संचार के माध्यम से लोगों को जागरूक करना जरूरी है। क्योंकि सामुदायिक सहभगिता के बिना यह संभव नहीं हो सकता। समाज के हर तबके का सहयोग अत्यंत आवश्यक है।
क्या हैं डेंगू के लक्षण-
तेज बुखार
त्वचा पर चकत्ते,
तेज सर दर्द, पीठ दर्द और आँखों में दर्द,
मसूड़ों और नाक से खून बहना,
जोड़ों में दर्द,
उल्टी,
डायरिया।मच्छरों से बचने के उपाय
पूरी बांह के कपड़े,
सोते समय मच्छरदानी या मच्छररोधी क्रीम का प्रयोग करें,
घर की खिड़की और दरवाजों पर जाली लगवाएं,
घर और कार्यालयों में हर रविवार मच्छर पर वार के तहत कूलर आदि की साफ-सफाई करें।
इसके साथ ही इस बात का विशेष ध्यान रखें कि बुखार होने पर खुद से कोई इलाज न करें। तुरंत ही पास के स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच और इलाज कराएं क्योंकि बुखार में देरी पड़ सकती है भारी।