जयपुर
पांच राज्यों के विधासभा चुनाव के बीच राजस्थान में “अभिभावकों” ने अपनी मांगों को घोषणा पत्र शामिल करने की मांग की है। इसमें संयुक्त अभिभावक संघ ने मांग की है कि गरीब और जरूरतमंद अभिभावकों की रक्षा के लिए ” अभिभावक कल्याण बोर्ड ” का गठन किया जाए। साथ ही सभी राजनीतिक दलों से यह भी मांग की गई है की अभिभावकों से जुड़े अहम मुद्दों को पार्टियां अपने घोषणा पत्र में शामिल करे।
संयुक्त अभिभावक संघ प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा की संघ पिछले साढ़े 3 सालों से अभिभावकों के अधिकारों और संरक्षण की मांग को लेकर संघर्ष कर रहा है, अभिभावकों में सबसे ज्वलंत मुद्दे निजी स्कूलों की फीस पर नियंत्रण, फीस एक्ट 2016 कानून की पालना, आरटीई के तहत अधिक से अधिक बच्चों को एडमिशन देना और गरीब परिवारों के बच्चों को निशुल्क शिक्षा उपलब्ध करवाना है। संयुक्त अभिभावक संघ की मांग है की सभी राजनीतिक दल अपने घोषणा पत्र में अभिभावकों की मांगों को शामिल करे और उन्हें पूरा करवाएं।
प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा की चुनावों में जातिवाद, धर्मवाद, परिवाद, भाषणवाद सहित विभिन्न तरह की राजनीति होती है किंतु मूल मुद्दों पर कभी राजनीति नही होती। एक मात्र शिक्षा है जो प्रत्येक परिवार की सबसे बड़ी जरूरत है किंतु राजनीतिक संरक्षण के चलते निजी स्कूल संचालकों ने इसे अपना सबसे बड़ा बिजनेश बना दिया है। अमीर परिवारों को तो ना शिक्षा की प्रवाह है ना फीस की प्रवाह है किंतु अगर कोई त्रस्त हो रहा है तो वह मध्यम आयवर्गीय परिवार है जो निजी स्कूलों की मनमानी फीस का शिकार हो रहा है और एक गरीब है जहां तक शिक्षा पहुंच ही नहीं रही है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने सबको एक सामान शिक्षा को लेकर विभिन्न तरह के कानून तो बना दिए किंतु कोई भी कानून अपनी उपयोगिता के मुताबिक कार्य नही कर रहे है ना सरकार उन पर कार्य कर रही है अभिभावक सहायता को लेकर ठोकरें खाने पर मजबूर है किंतु सहायता तो दूर सुनवाई तक नही हो रही है। इसलिए संयुक्त अभिभावक संघ ने राजनीतिक दलों से मांग की है की अभिभावकों की मांगों को भी घोषणा पत्र में शामिल किया जाए, अन्यथा संयुक्त अभिभावक संघ आगामी चुनावों के बहिष्कार की अपील जारी करेगा और इस अभियान से प्रत्येक अभिभावक को जोड़ेगा। राजनीतिक दल अभिभावकों की मांगों को अपने घोषणा पत्र में शामिल करे को लेकर शनिवार या रविवार को सभी दलों को ज्ञापन दिया जायेगा।
इन मुद्दों को घोषणा पत्र में शामिल करने की मांग
1) गरीब और जरूरतमंद बच्चों को प्री प्राइमरी से 12 कक्षा तक निशुल्क शिक्षा।
2) निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए फीस एक्ट 2016 कानून की पालना सुनिश्चित हो।
3) फीस को लेकर सुप्रीम कोर्ट से आए आदेश 3 मई 2021 और 1 अक्तूबर 2021 की पालना सुनिश्चित हो।
4) फीस एक्ट 2016 की मांग को लेकर शिक्षा संकुल पर संयुक्त अभिभावक संघ द्वारा किए गए प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिए गए सातों अभिभावकों पर दर्ज ” राजकार्य में बाधा ” मुकदमा वापस लिया जाए।
5) RTE कानून की पालना सरकार द्वारा बनाए कानून के मुताबित लागू करवाई जाए।
6) स्कूलों की शिकायत के अभिभावकों को राज्य स्तर पर हेल्पलाइन नंबर की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए।
7) विधानसभा क्षेत्र स्तर पर निशुल्क बुक बैंक की स्थापना की जाए।
8) सरकारी स्कूलों की इमारतों को विश्वस्तरीय बनाया जाए एवं पढ़ाई के लिए प्रत्येक स्कूलों में कुर्सी, टेबल सहित स्वच्छ पानी व लड़के – लड़कियों के लिए अलग – अलग शौचालय की व्यवस्था की जाएं।
9) प्रत्येक महीने सरकारी और निजी स्कूलों में PTM मीटिंग का आयोजन किया जाए एवं अभिभावकों की शिकायतों व सुझावों को रजिस्टर्ड कर तत्काल कार्यवाही की व्यवस्था निर्धारित की जाए।
10) विगत पांच वर्षों में बच्चियों के साथ टीचर व प्रिंसिपल द्वारा छेड़छाड़ के बहुत सारे मामले सामने आए है, टिचरो और प्रिंसिपल की प्रत्येक माह अभिभावकों व छात्राओ द्वारा मोनराइटिंग की जाए।