नई दिल्ली
दिल्ली में आशा वर्कर्स अपनी मांगों को लेकर 53 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है लेकिन दिल्ली सरकार इनकी मागों पर विचार करने को राजी नहीं हैं इसलिए आज आशा वर्कर्स ने 20 अक्टूबर को ‘जेल भरो’ आंदोलन का किया ऐलान घोषित कर दिया है। दिल्ली सरकार आशा वर्कर्स हड़ताल के प्रति उदासीन है। 28 अगस्त से दिल्ली की आशाएं ट्रामा सेंटर, सिविल लाइन पर धरना दे रही है। धरने के दौरान बीच-बीच में विशेष कार्यक्रम के माध्यम से सरकार को जगाने का प्रयास किया है लेकिन सरकार अपने उदासीनता से सक्रियता में आना नहीं चाहती। दिल्ली सरकार के नकारात्मक रवैए के खिलाफ आज आंदोलनकारी आशाओ ने 20 अक्टूबर (शुक्रवार) को ‘जेल भरो’ का ऐलान किया।
आशाओं ने कहा कि हमारी न्यायपूर्ण व जायज मांगों पर हड़ताल के 53 दिन बाद भी सरकार कोई सुध नहीं ले रही है। जो आशाएं सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं को आम लोग तक पहुंचती हैं , उन्हीं आशाओ की समस्याओ की तरफ से सरकार व प्रशासन ने आँखें बंद कर रखी है। इसलिए आंदोलन के क्रम में हम 20 अक्टूबर को जेल भरो आंदोलन करेंगे। हम धरनास्थल से ही दोपहर 1 बजे सिविल लाइन थाने की तरफ जुलूस के रूप में चलेंगे। सभा को दावा यूनियन की अध्यक्ष सोनू , महासचिव उषा ठाकुर, नीरज, सरोज, कुसुम के अलावा एआईयूटीयूसी के दिल्ली सचिव मैनेजर चौरसिया, अन्य नेतागण भंवरपाल जी और निर्मल जी ने संबोधित किया। सभा का संचालन सोनू ने किया।