Asha Workers के समर्थन में हरियाणा की आशा वर्कर्स , 18 अक्टूबर को प्रेस कांफ्रेंस
आशा कार्यकर्ता यूनियन (हरियाणा) से संतोष देवी ने सम्म्बोधित करते हुए कहा कि मेरी प्यारी आशा बहनों आंदोलन के अलावा आज जनता के पास कोई रास्ता नहीं बचा है। सरकारें कोई भी हो लेकिन वह जनता के हक में नहीं सोच रही हैं।
नई दिल्ली
आशा वर्कर्स के न्यायपूर्ण व जायज मांग पर चल रहे आंदोलन को हरियाणा की आशाओं ने धरनास्थल पर आकर समर्थन किया। 17 अक्टूबर यानी मंगलवार को दिल्ली आशा वर्कर्स एसोसिएशन (दावा यूनियन) की तरफ से घोषित अनिश्चितकालीन हड़ताल का 52 वां दिन है। दिल्ली की आशाओं ने हरियाणा की आशाओ के स्वागत जोरदार नारों के साथ किया। आशाएं ‘ हरियाणा की आशाओ का आंदोलन जिंदाबाद’ ‘ हमारी एकता जिंदाबाद, ‘जब पिंक पिंक लहराएगा होश ठिकाने आएगा, ‘इंसेंटिव नहीं वेतन दो, ‘3000 में दम नहीं 15000 से काम नहीं, ‘सारे इंसेंटिव चार गुना बढ़ाओ, नारे लगातीं रही।
धरनास्थल पर सभा को आशा कार्यकर्ता यूनियन (हरियाणा) से संतोष देवी ने सम्म्बोधित करते हुए कहा कि मेरी प्यारी आशा बहनों आंदोलन के अलावा आज जनता के पास कोई रास्ता नहीं बचा है। सरकारें कोई भी हो लेकिन वह जनता के हक में नहीं सोच रही हैं। इसलिए आंदोलन को हमें सही दिशा और सही विचारधारा के आधार पर आगे बढ़ाना है। मैं आप सबको आपके आंदोलन के 52 दिन हो जाने पर आपको बधाई देती हूं और मैं बहुत खुश हूं कि आप जिस तरीके से इस आंदोलन को चल रही है मुझे पूरा यकीन है कि जीत आपकी होगी। इसके अलावा आंदोलनकारी आशाओं को एआईयूटीयूसी हरियाणा राज्य अध्यक्ष राजेंद्र सिंह जी ने भी आशाओं का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि जिस तरीके से दिल्ली की आशाएं इस आंदोलन को चल रही है और 52 दिन तक वह इसे यहां तक ले आए हैं मुझे यकीन है की जीत हमारी होगी। हमारी आशा बहनों को इस आंदोलन को सही दिशा में और आगे बढ़ना होगा और अपनी मांगों पर डटकर खड़ा होना होगा क्योंकि आज सरकार के पास हमारी मांगों को सुनने का समय नहीं है लेकिन हमें उन्हें अपनी बातों को बताना होगा। उन तक अपनी बात को पहुंचना होगा और जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी यह आंदोलन जारी रहेगा। हम यह आह्वान करते हैं कि जब-जब भी जरूरत पड़ेगी हमारे हरियाणा की आशाएं इस आंदोलन में कंधे से कंधा मिलाकर आपके साथ खड़ी होंगी । दावा यूनियन की अध्यक्ष सोनू, महासचिव उषा ठाकुर तथा दावा यूनियन की सलाहकार प्रकाश देवी ने भी संबोधित किया। वक्ताओं ने कहा कि हम आशाओ की न्यायपूर्ण व जायज मांगों को दिल्ली के नागरिकों तक पहुंचाने और उनका समर्थन प्राप्त करने के लिए हजारों-हजार पर्चे बांटे रहे हैं।