अपनी मांगों को लेकर सिविल लाइन पर पिछले 25 दिनों से प्रदर्शन कर रही हैं आशा वर्कर्स
नई दिल्ली
सरकारी कर्मचारी का दर्जा, 15 हजार वेतन सहित अन्य मांगों को लेकर आशा वर्कर्स ने गुरुवार को एक बार फिर से चेतावनी पत्र का पुतला फूंका। प्रशासन ने इन्हें हड़ताल खत्म करने की चेतावनी दी थी। आशा वर्कर्स ने इन्हीं पत्र का पुतला दहन किया गया। आशा वर्कर्स सिविल लाइन में पिछले 25 दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रही हैं।
दिल्ली आशा वर्कर्स एसोसिएशन (दावा यूनियन) का कहना है कि हमारी मांग पूरी होते ही अनिश्चितकालीन हड़ताल खत्म हो जाएगी। लेकिन प्रशासन हमारी बात सुनने को तैयार नहीं हैं। हम अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं।
प्रकाश देवी ने कहा कि हड़ताल के दौरान बार-बार आशाओ को ANM, डाॅक्टर्स और प्रशासन नौकरी से निकाले की धमकी दे रहे हैं। डराने धमकाने और हड़ताल खत्म कर काम पर वापस आने का चेतावनी पत्र दिया जा रहा। आशाओ के घरों की पर चेतावनी पत्र चस्पा किए गए हैं। इसके खिलाफ एक बार फिर से आशा वर्कर्स ने चेतावनी पत्र की शव यात्रा निकाली और पुतला दहन किया।
धरने को आशा लीडर्स दावा यूनियन की महासचिव उषा ठाकुर, अध्यक्षा शिक्षा राणा, सोनू, नीरज, गीता, पिंकी, उर्मिला सहित अन्य लोगों के अलावा एआईयूटीयूसी दिल्ली राज्य सचिव मैनेजर चौरसिया, सलाहकार प्रकाश देवी और भंवर पाल ने संबोधित किया।
इस मौके पर इन्होंने कहा कि आशाओं की यह कामयाब हड़ताल है। 90 फीसदी आशाएं आज हड़ताल में उतरी हुई है। इसको देखकर प्रशासन बौखला गया है। इस बोकलाहट में वह आशाओं को डराने धमकाने और उनको नौकरी से निकल जाने की धमकी लगातार दे रहा है। उनके घरों के सामने व परिवारों को चेतावनी लेकर देकर आ रहा है। इससे आशाएं डर नहीं रही है बल्कि इसका मुकाबला करते हुए लड़ाई को और भी तेज कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारी हड़ताल तब तक जारी रहेगी जब तक हमारी मांग मानी नहीं जाएगी। हमारा संगठन दावा यूनियन लगातार इस आंदोलन को और तेज करता जाएगा ताकि हम अपनी न्यायपूर्ण मांग की लड़ाई को आगे बढ़ा सके।