एलर्जी जर्नल के एडिटर बने डॉ. सूर्यकान्त, डॉ. अजय भी चुने गए सदस्य, KGMU कुलपति ने संस्थान के दोनों विशेषज्ञों को दी बधाई

एलर्जी और अस्थमा के क्षेत्र में चिकित्सकों, वैज्ञानिकों एवं शोध छात्रों के लिए शोध पत्र तथा आधुनिकतम जानकारी प्रदान कराना उनकी प्राथमिकता रहेगी-डॉ. सूर्यकान्त

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Indinewsline, Lucknow:
King George’s Medical University (KGMU) के प्रतिष्ठित चेस्ट रोग विशेषज्ञ डॉ. सूर्यकान्त को ❝इंडियन जर्नल ऑफ एलर्जी, अस्थमा एंड एप्लाइड इम्यूनोलॉजी❞ के एडिटर के पद पर चुना गया है। इण्डियन कॉलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा एंड एप्लाइड इम्यूनोलॉजी (ICAAI) के हाल ही में हुए चुनावों में इसकी घोषणा की गई। इसके अलावा केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. अजय कुमार वर्मा भी गर्वनिंग काउसिल के सदस्य के रूप में चुने गये हैं।
रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग की एक बड़ी उपलब्धि- प्रो. सोनिया नित्यानंद
संस्थान की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने डॉ. सूर्यकान्त एवं डॉ. अजय कुमार वर्मा को बधाई देते हुए रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग की एक बड़ी उपलब्धि बताया है। डॉ. सूर्यकान्त ने बताया कि इस भारतीय जर्नल को अन्तर्राष्ट्रीय स्वरूप देना, गुणवत्ता बढ़ाना एवं एलर्जी और अस्थमा के क्षेत्र में चिकित्सकों, वैज्ञानिकों एवं शोध छात्रों के लिए शोध पत्र तथा आधुनिकतम जानकारी प्रदान कराना उनकी प्राथमिकता रहेगी।
एलर्जी, अस्थमा और इम्यूनोलॉजी के क्षेत्र में देश का प्रमुख संगठन है यह संस्था
यह संस्था एलर्जी, अस्थमा और इम्यूनोलॉजी के क्षेत्र में देश का प्रमुख संगठन है, जो अनुसंधान, शिक्षा और चिकित्सा नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। डॉ. सूर्यकान्त का चयन इस संस्था की प्रतिष्ठित जर्नल ’’इंडियन जर्नल ऑफ एलर्जी, अस्थमा एंड एप्लाइड इम्यूनोलॉजी’’ के एडिटर के लिए हुआ है। संस्था एलर्जी और इम्यूनोलॉजी में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करती है, जिसमें सामान्य चिकित्सकों को भी एलर्जी के क्षेत्र में प्रशिक्षित किया जाता है। संस्था अन्य वैश्विक एवं क्षेत्रीय संगठनों के साथ वैज्ञानिक और शैक्षिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
जर्नल, पुस्तकें, पत्रिकाएँ और रोगी शैक्षिक सामग्री प्रकाशित कर रही है संस्था
इसके साथ ही, यह संस्था विभिन्न शैक्षिक सामग्री जैसे जर्नल, पुस्तकें, पत्रिकाएँ और रोगी शैक्षिक सामग्री प्रकाशित कर रही है। इस संस्था में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त चेस्ट रोग विशेषज्ञ, फिजिशियन्स, नाक-कान एवं गला रोग, नेत्र रोग विशेषज्ञ, त्वचा एवं एलर्जी रोग विशेषज्ञ तथा वैज्ञानिक भी सदस्य एवं फैलो है। डॉ. सूर्यकान्त पूर्व से ही 20 से अधिक राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय जर्नल्स के सलाहकार/सम्पादकीय बोर्ड के सदस्य भी हैं।
पूर्व में कई प्रतिष्ठित पदों पर जिम्मेदारी निभा चुके हैं डॉ. सूर्यकान्त
डॉ. सूर्यकान्त की विशेषज्ञता कई प्रतिष्ठित पदों पर उनकी भूमिका से परिलक्षित होती है। वे पूर्व में इण्डियन कॉलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा एंड एप्लाइड इम्यूनोलॉजी, इंडियन चेस्ट सोसाइटी, नेशनल कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन्स (एनसीसीपी) और इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन के मेडिकल साइंस प्रभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। साथ ही, वे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) लखनऊ के अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश आईएमए एकेडमी ऑफ मेडिकल स्पेशलिटीज के चेयरमैन और इंडियन स्टडी अगेंस्ट स्मोकिंग के महासचिव भी रहे हैं।
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन के जोनल टास्क फोर्स के अध्यक्ष भी हैं डॉ. सूर्यकान्त
वर्तमान में, डॉ. सूर्यकान्त राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के जोनल टास्क फोर्स (नॉर्थ जोन) के अध्यक्ष हैं, जिसमें छह राज्य और तीन केंद्र शासित प्रदेश आते हैं। वे इण्डियन सोसाइटी फॉर स्टडी ऑफ लंग कैंसर के एडवाजरी बोर्ड के मेम्बर भी है तथा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना के इन्स्टीट्यूट एवं गवर्निंग बॉडी एवं बोर्ड ऑफ मैनेजमेन्ट, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, जयपुर के सदस्य हैं।
विश्व के सर्वोच्च 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों की श्रेणी में भी स्थान प्राप्त कर चुके हैं डॉ. सूर्यकान्त
हाल ही में एक बार फिर डॉ. सूर्यकान्त को 2024 में विश्व के सर्वोच्च 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों की श्रेणी में भी स्थान प्राप्त हो चुका है। वह रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में विगत 25 वर्षों से चिकित्सा शिक्षक, 19 वर्षों से प्रोफेसर व 13 वर्षों से विभागाध्यक्ष के पद सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
22 किताबें भी लिख चुके हैं डॉ. सूर्यकान्त
इसके अलावा वह चिकित्सा विज्ञान सम्बंधित विषयों पर 22 किताबें भी लिख चुके हैं तथा एलर्जी, अस्थमा, टी.बी. एवं कैंसर के क्षेत्र में उनके अब तक लगभग 900 से अधिक शोध पत्र राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं साथ ही 2 अंतर्राष्ट्रीय पेटेन्ट का भी उनके नाम श्रेय जाता है। लगभग 200 एमडी/पीएचडी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन, 50 से अधिक शोध परियोजनाओं का निर्देशन, 22 फैलोशिप, 18 ओरेशन एवार्ड का भी श्रेय उन्हें जाता है। उन्हें अब तक अन्तर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर की विभिन्न संस्थाओं द्वारा 204 पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। डॉ. सूर्यकान्त पिछले 25 वर्षों से अधिक समय से अपने लेखों व वार्ताओ एवं टी.वी. व रेडियों एवं इलेक्ट्रानिक/प्रिंट/सोशल मीडिया के माध्यम से लोगो में टी.बी., अस्थमा, एलर्जी, लंग कैंसर व श्वसन संबंधी अन्य बीमारियों से बचाव व उपचार के बारे में जागरूकता फैला रहे हैं।
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