नई दिल्ली
दिल्ली नगर निगम के सदन में शुक्रवार को अजीब घटना सामने आई। भाजपा के पार्षदों ने हाउस टैक्स वापस लेने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान भाजपा के पार्षद मेयर के आसन पर चढ़ गए। वहीं आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने भाजपा पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया।
दिल्ली में मेयर चुनाव नहीं होने की क्या रही वजह
दिल्ली नगर निगम में आज मेयर चुनाव होने थे लेकिन नहीं हुए बताया जा रहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल ने पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने वाली फाइल लौटाते हुए मुख्यमंत्री के जेल में बंद होने व आप का नाम लिए बिना उनकी ओर से पीठासीन अधिकारी नियुक्त नहीं करने के संबंध में लगाए जा रहे आरोपों की चर्चा की। उपराज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के मामले में एक विचाराधीन कैदी के रूप में न्यायिक हिरासत में हैं और वह सांविधानिक रूप से अपने कार्यों का निर्वहन नहीं कर सकते। इस स्थिति में उन्होंने गहन विचार करने के बाद कानून और संविधान के प्रावधान की पवित्रता को बनाए रखने के मद्देनजर पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के संबंध में निर्णय लिया है। फाइल में मुख्यमंत्री की राय उपलब्ध नहीं है। लिहाजा, संबंधित मंत्री बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।उपराज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री की राय के अभाव में पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के लिए वे अपनी शक्ति का इस्तेमाल करना उचित नहीं समझते। इस कारण मेयर आैर डिप्टी मेयर का प्रस्तावित चुनाव स्थगित कर दिया जाया। उपराज्यपाल ने निर्देश दिए कि नए मेयर का चुनाव न होने की स्थिति में एमसीडी का कामकाज प्रभावित नहीं होना चाहिए। वर्तमान मेयर व डिप्टी मेयर अपने उत्तराधिकारी के चुनाव तक पद पर बने रहेंगे।