Indinewsline, Lucknow:
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार संविधान नहीं ‘मनविधान‘ से चल रही है। भाजपा सरकार सामाजिक सौहार्द को खत्म कर बारूदी सुरंग बिछा रही है। उन्होंने कहा कि एनकाउंटर वाली सरकार का काउंटडाउन शुरू हो गया है। इसीलिए वे घबराये हैं। उनकी भाषा बदल गयी है।
अधिकारियों को अपना पदाधिकारी समझ रहे हैं
अखिलेश ने कहा कि इतने घबराये हैं कि अधिकारियों को अपना पदाधिकारी समझ रहे हैं लेकिन अधिकारी और सरकार के लोगों को शायद यह नहीं पता है कि जनता अब उनके साथ नहीं है। जनता भाजपा के खिलाफ है। जब जनता खिलाफ है तो अधिकारी क्या करेगा। मुख्यमंत्री जी की भाषा कैसी हो गयी है और वे क्या-क्या बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे बारूद बिछाना छोड़ दें।
भाजपा सरकार की भाषा बदल गयी है
पूर्व सीएम ने कहा कि अब भाजपा सरकार में उतने दिन नहीं रहेगी, जितना रह चुकी हैं। इसी वजह से उनकी भाषा बदल गयी है। उनका सोचने और समझने का तरीका बदल गया है। सच्चाई यह है कि मन की कुटिलता ही वचन की कटुता बनती है। जिन्होंने खुद के ऊपर से सच्चे मुकदमे हटवाए हैं और दूसरे के ऊपर झूठे मुकदमे लगवाएं हैं वे जितना कम बोलेंगे उतना उनकी सच्चाई छुपी रहेगी।
जनता भाजपा के खिलाफ है, अब कोई साख नहीं बची
उपचुनाव में समाजवादी पार्टी और जनता भाजपा सरकार के हर हथकंडे का जमकर मुकाबला करेगी। जनता भाजपा के खिलाफ है। अब भाजपा की कोई साख नहीं बची है इसीलिए वह अधिकारियों को आगे करके चुनाव लड़ रही है। लेकिन अधिकारी भी जानते है कि जनता भाजपा के साथ नहीं है।
भाजपा सरकार में साधू संतो के साथ हो रहा पक्षपात
लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार में साधू संतो से पक्षपात किया जा रहा है। साधु-संतो के बीच झगड़े करवाये जा रहे हैं। वे कैसे योगी है। भारतीय परम्परा रही है कि जो जितना बड़ा संत होता है उतना कम बोलता है और जब बोलता है तो जनकल्याण के लिए बोलता है। यहां तो सब उल्टा है। इनकी योग्यता की परीक्षा करवानी पड़ेगी। क्योंकि जिस तरह की भाषा प्रयोग कर रहे हैं उससे लगता है कि कहीं न कहीं उनकी योग्यता के बारे में हम लोगों को जानना चाहिए। व्यक्ति वस्त्र से नहीं वचन से योगी होता है।
भाजपा कार्यकाल में आजादी का नहीं बर्बादी का अमृत काल है
अखिलेश ने कहा कि भाजपा अमृत काल की याद दिलाती है लेकिन उसके कार्यकाल में आजादी का नहीं बर्बादी का अमृत काल है। कहा जाता है कि कलयुग में सब उल्टा होता है। भाजपा सरकार में यही दिखाई दे रहा है। हमारे यहां कहा गया है कि जितना बड़ा योगी होता है उतना चुप रहता है। यहां मौनी और मुनि की परम्परा रही है। लेकिन आज जिन्हें मृदुभाषी होना चाहिए वे वाचाल और कटुभाषी बन गये हैं। जिन्हें सत्य वचन बोलना चाहिए वे झूठे प्रचारक बन गये हैं। जिन्हें अभय का निवारण करना चाहिए वे भय बांट रहे हैं। जिन्हें परोपकार करना चाहिए वे अत्याचारी बन गए हैं। जिनका काम सरकार चलाना होना चाहिए वे बुलडोजर चला रहे हैं। सरकार विकास की प्रतीक होनी चाहिए लेकिन विनाश की प्रतीक बन गयी है।
पहली बार सुप्रीमकोर्ट ने बुलडोजर कार्यवाही के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार पर 25 लाख का भारी भरकम जुर्माना लगाया
उन्होंने कहा कि अभी पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली पर जिस तरह की टिप्पणी की और सवालिया निशान लगाया है वैसा किसी सरकार के साथ नहीं हुआ। पहली बार सुप्रीमकोर्ट ने बुलडोजर कार्यवाही के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार पर 25 लाख रुपये का भारी भरकम जुर्माना लगाया है और साथ में अधिकारियों के खिलाफ भी कार्यवाही का निर्देश दिया है।
यही नहीं जजों ने कहा कि यह सरकार बहुत अहंकारी है। ऐसा लगता है कि यूपी में कानून का राज समाप्त हो गया है। उत्तर प्रदेश में शक्ति और सत्ता का दुरुपयोग हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि यह मनमानी है। रातों रात बुलडोजर से घर नहीं गिराया जा सकता है। उत्तर प्रदेश में जंगल राज और अराजकता है।
समाजवादी पार्टी ने भी हमेशा यही कहा कि भाजपा सरकार अहंकारी है
अखिलेश ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने भी हमेशा यही कहा कि भाजपा सरकार अहंकारी है। संविधान और लोकतंत्र विरोधी कार्य कर रही है। बुलडोजर न्याय का प्रतीक नहीं हो सकता है लेकिन यह सरकार सत्ता के अहंकार में बुलडोजर चला रही है। यह सरकार बुलडोजर लेकर जाती है और लोगों को घर का सामान भी निकालने का भी मौका नहीं देती है। न किसी को नोटिस न कोई मौका।
पहले पुलिस छापे मारती थी लेकिन भाजपा सरकार में अब पुलिस पर छापे पड़ रहे हैं
कहा कि पहले पुलिस छापे मारती थी लेकिन भाजपा सरकार में अब पुलिस पर छापे पड़ रहे हैं। भाजपा सरकार भेदभाव बढ़ा रही है। महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, महिलाओं के साथ अपराध लगातार बढ़ता जा रहा है। आज महिला अपराध के सारे रिकॉर्ड टूट चुके हैं। महिलाओं और बेटियों के साथ इतना अन्याय पहले कभी नहीं हुआ। लोगों को न्याय नहीं मिलता। मजबूरी में लोग आत्मदाह का प्रयास करते है।