Film ‘मानुष’ में ‘बरसे रे…’ के साथ लेकर आए बारिश गीत

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नई दिल्ली

फिल्म ‘मानुष’ में ‘बरसे रे…’ के साथ लेकर बारिश गीत लेकर आए है। जिसकी हर जगह बहुत तरिफ हो रही है । ये ऐसा गाना है जो लोगों के दिल पर छू रहा है । फिल्म के ट्रेलर में अपने कई शेड्स दिखाकर जीत ने निश्चित रूप से लोगों का दिल जीत लिया है और अब सुस्मिता के साथ वह ‘बरसे रे…’ गाने के जरिये एक बार फिर प्रशंसकों पर राज करने के लिए तैयार हैं। बहुत लंबे समय के बाद जीत बांग्ला सिनेमा में एक बारिश गीत लेकर आए हैं, जिसकी सेटिंग वाकई बहुत मजेदार है। प्यार और हंसी से भरपूर ‘बरसे रे…’ ऐसा गाना जीवन के खूबसूरत पलों का आनंद लेने के बारे में है। इस गीत के बारे में जीत कहते हैं, ”बरसे रे…’ शब्द ही आपके दिमाग में बारिश के दृश्य लाता है। अनीक धर की खूबसूरत रचना और श्रेया और अभय की सुरीली आवाज ने माहौल को सही बना दिया है।’

फिल्म में बारिश गीत से लोगों की बढ़ी उत्सुकता 

‘मानुष’ में जीत की प्रेमिका की भूमिका निभाने वाली सुस्मिता ने कहा, ‘जब जीत सर ने मुझे बताया कि वह फिल्म में एक बारिश गीत डालने की योजना बना रहे हैं, तो मैं बहुत उत्साहित थी, क्योंकि यह मेरा पहला बारिश गीत है, इसलिए गाने की शूटिंग करना और भी खास था। मैं कह सकती हूं कि यह मेरे लिए फिल्म का सबसे अच्छा हिस्सा था, क्योंकि इसमें दो चीजें शामिल थीं जो मुझे सबसे ज्यादा पसंद हैं, पहला— नृत्य और दूसरा बारिश। मैं कह सकती हूं कि जिस तरह से ‘बरसे रे…’ सामने आया है, वह मुझे बहुत पसंद है और मुझे उम्मीद है कि लोगों को भी यह पसंद आएगा।’

बरसे रे…’ गाने को बेहद खूबसूरती से बनाया 

निर्माता गोपाल मदनानी ने कहा, ‘बारिश गीत पूरी तरह से टीम का विचार था और हम सभी तुरंत इसमें शामिल हो गए, क्योंकि इस तरह की धुन लंबे समय से बांग्ला फिल्मों में नहीं आई है। वहां ‘बरसे रे…’ ने अपनी जगह बना ली, क्योंकि इसे बेहद खूबसूरती से बनाया और शूट किया गया है।’ वहीं, निर्देशक संजॉय सोमद्दर कहते हैं, ‘मुझे ‘बरसे रे…’ की शूटिंग में सबसे ज्यादा मजा आया, क्योंकि यह बहुत सुखद अहसास वाला गाना है। इसकी शूटिंग के दौरान हम सभी सेट पर थिरक रहे थे। जिस चीज ने गाने को इतना खूबसूरत बना दिया है, वह है इसमें जीत और सुस्मिता का अभिनय।’ अनीक धर कहते हैं, ‘एक बारिश गीत की रचना करना, जिसमें सुगंधित स्पर्श के साथ-साथ कुछ ऊर्जा और लय भी हो, निश्चित रूप से चुनौतीपूर्ण है। मेरा प्रारंभिक विचार दर्शकों के लिए कुछ सामान्य शब्दों के साथ एक आकर्षक हुक मेलोडी बनाना था। बेशक, पहले दिन से मैं इस गाने पर श्रेया घोषाल के साथ काम करना चाहता था। इसलिए पूरी रचना में हल्का शास्त्रीय, लेकिन समसामयिक स्पर्श होना जरूरी था।’

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