Budget 2024: बजट से मिडिल क्लास और छोटे व्यापारी निराश- CTI
बृजेश गोयल व सुभाष खंडेलवाल बोलें- इनकम टैक्स में मिडिल क्लास को नहीं मिली बजट में राहत- इनकम टैक्स में छूट सीमा पिछले 9 सालों से 2.5 लाख ही बनी हुई है
नई दिल्ली
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को मोदी सरकार का अंतरिम बजट पेश किया। इस बजट को किसी ने बेहतर तो किसी ने निराशाजनक करार दिया है। CTI के चेयरमैन बृजेश गोयल व अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने क्रम से विस्तार पूर्वक बजट पर अपने विचार साझा किए।
1. इनकम टैक्स में 5 प्रतिशत और 20 प्रतिशत के बीच 10 प्रतिशत का टैक्स स्लैब वापस लाया जाना चाहिए था।
2. मिडिल क्लास की चिंता है कि 9 साल से इनकम टैक्स में छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये ही बनी हुई है। इसको 5 लाख कर देना चाहिए था, क्योंकि सालाना 7 लाख रुपए तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगने के बावजूद सालाना 2.5 लाख रुपए से ज्यादा की आय होने पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करनी पड़ती है।
इनकम टैक्स छूट सीमा बढ़ने से मिडिल क्लास के उन करोड़ों टैक्स पेयर्स को लाभ होता जिन्हें टैक्स ना होने के बावजूद रिटर्न जमा करानी पड़ती है।
3. कार्पोरेट्स एवं बड़ी कंपनियों को बैंक लोन 8-10% की ब्याज दर से मिल जाता है लेकिन मिडिल क्लास और छोटे व्यापारियों के लिए केन्द्र सरकार की जो मुद्रा योजना है उसमें उनको कहीं ज्यादा ब्याज देना पड़ता है, इसको लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है।
4. पेट्रोल डीजल की कीमतों में 6 अप्रैल 2022 के बाद से कमी नहीं की गई है जबकि कच्चे तेल की कीमतों में 35 -40% की गिरावट आई है।केन्द्र सरकार को पेट्रोलियम पदार्थों को GST के दायरे में लाकर या पेट्रोलियम कंपनियों पर दवाब बनाकर पेट्रोल डीजल की दरों में कटौती करनी चाहिए थी।
5. GST में बहुत सारे कठिन कानूनों और नियमों को लेकर भी कोई रियायत नहीं दी गई है।