Canada से दाल का आयात बंद करे केंद्र सरकार, जानें व्यापारियों ने क्यों रखी ऐसी मांग

खालिस्तानी का समर्थन कर रहा कनाडा, आयात से 30 प्रतिशत का शुल्क हटे तो व्यापारी तोड सकते हैं आर्थिक रूप से कमर

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नई दिल्ली
खालिस्तानी आंतकियों का समर्थन कर रहे कनाडा के खिलाफ देश के व्यापारी एक जुट हो गए। उनका कहना है कि हमें कनाडा के साथ अपने सभी व्यापारिक संबंध रोक देने चाहिए। इससे कनाडा को आर्थिक रूप से झटका लगेगा।
चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) के चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने कहा कि कनाडा को आर्थिक रूप से सबक सिखाने की जरूरत है। उन्होंने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर कहा ​है कि कनाडा खालिस्तानी आतंकियों का गढ़ बनता जा रहा है। वहां खुलेआम हिन्दुस्तान विरोधी पोस्टर लगते हैं। भारतीय दूतावास पर प्रदर्शन करते हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या का सनसनीखेज आरोप लगाया है। इससे भारतीय व्यापारी नाराज हैं और इसका असर भारत और कनाडा के बीच व्यापार पर पड़ सकता है।

मसूर की दाल

भारत में अभी मसूर की दाल का सबसे बड़ा हिस्सा कनाडा से इंपोर्ट होता है। देश में सालना लगभग 23 लाख टन मसूर दाल की खपत होती है। घरेलू स्तर पर सालाना लगभग 15-16 लाख टन मसूर दाल का उत्पादन होता है और बाकी का आयात किया जाता है। पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में भारत ने कनाडा से 37 करोड़ डॉलर मूल्य के 4.85 लाख टन मसूर दाल का आयात किया था।
बृजेश गोयल ने कहा कि केंद्र सरकार को मसूर की दाल के लिए अन्य दूसरे देशों से संपर्क करना चाहिए। वैकल्पिक देशों से आयात होने वाली दाल की इंपोर्ट ड्यूटी घटानी होगी।
अमेरिका से दाल आयात पर 30 प्रतिशत का शुल्क लगता है जिसे खत्म कर देना चाहिए जिससे कि लोग अमेरिका से दाल का आयात कर सकें। इसके अलावा रूस, सिंगापुर और तुर्किये जैसे देशों से भी मसूर दाल के इंपोर्ट की संभावना तलाशी जाए।

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