लखनऊ के चंदियामऊ में वन विभाग की सांठगांठ से काटे गए बौर लगे आम के पेड़, इंस्पेक्टर ने आधे सूखे बताकर दे दी अनुमति

रोगग्रस्त व आधे सूखे होने का हवाला देकर बौर लगे 15 आम के पेड़ों को काटने की दी अनुमति

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Indinewsline, Lucknow:
लखनऊ के बीबीडी में वन विभाग के इंस्पेक्टर ने साठगांठ कर ठेकेदार को चंदियामऊ गांव के प्रधान की बाग के पास रोगग्रस्त व आधे सूखे होने का हवाला देकर बौर लगे 15 आम के पेड़ों को काटने की अनुमति दे दी।

हरे बौर लगे पेड़ों की कटाई शुरू होते ही फैला आक्रोश


शनिवार को इन हरे पेड़ों की कटाई शुरू होते ही आस-पास के लोगों में आक्रोश फैल गया। विभाग के इंस्पेक्टर ने बिना बौर के सूखे आम के पेड़ों को काटने की अनुमति का हवाला देते हुए पल्ला झाड़ लिया। जबकि मौके पर काटे गए करीब छह से सात आम के पेड़ों की टहनियों में बौर लगा हुआ था।

चंदियामऊ गांव के प्रधान के बाग के पास है आम का बगीचा


बीबीडी में चंदियामऊ गांव के प्रधान कायम रजा का आम का बाग है। उसके पास ही सैय्यद कादिर अली का करीब 14 बीघा आम का बाघ है। इसमें करीब 30 से 35 आम के पेड़ हैं। आरोप है कि कादिर ने बौर लगे 15 आम के हरे पेड़ों को काटने की अनुमति ली थी। इस पर वन विभाग के इंस्पेक्टर अतिजीत जोशी ने रोगग्रस्त व आधे सूखे होने का हवाला देते हुए इन सभी बौर लगे पेड़ों को काटने की अनुमति दे दी। बताया जा रहा है कि इनके अलावा 10 और पेड़ अवैध तरीके से काटे जाएंगे।

ठेकेदार ने मजदूरों संग बाग में पेड़ों पर चलवा दिया आरा

पहले इस तरह खड़े थे आम के पेड़

शुक्रवार को ठेकेदार कलीम अपने मजदूरों के साथ बाग में पहुंचकर मशीन से पेड़ों की कटवाई शुरू करा दी। बौर लगे इन आम के हरे पेड़ों के काटे जाने से आस पास के लोगों में आक्रोश फैल गया। इस बारे में पूछे जाने पर इंस्पेक्टर अतिजीत जोशी ने बिना बौर के सूखे आम के पेड़ों को काटने की अनुमति का हवाला देते हुए पल्ला झाड़ लिया। जबकि मौके पर काटे गए करीब छह से सात आम के पेड़ों की टहनियों में बौर लगा हुआ था। बौर को छिपाने के लिए टहनियों से ढ़का गया था। इससे पहले भी इंस्पेक्टर अतिजीत जोशी ने इलाके में हरे पेड़ों को कटवा दिए थे। मामले ने तूल तो पकड़ा पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

पेड़ों की जांच कर उद्यान विभाग देता है रिपोर्ट


वन विभाग में पेड़ को काटने के लिए आवेदन देने के साथ संबंधित भूमि का खसरा व खतौनी देनी पड़ती है। साथ ही संबंधित पेड़ों की जांच कर उद्यान विभाग यह रिपोर्ट देता है कि आवेदक द्वारा जिन पेड़ों को काटने के लिए परमिट मांगी गई है वह पेड़ अब फल देने योग्य नहीं है।

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