लखनऊ के Charak Hospital ने मरीज को जिंदा बताकर पांच लाख वसूले, शव का पांच दिनों तक करते रहे इलाज, परिजनों का हंगामा
पांच साल से अधिक समय से है डिप्टी सीएमओ डॉ. एपी सिंह की तैनाती
लखनऊ, इंडीन्यूज लाइन संवाददाता।
लखनऊ में एक निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने डेंगू मरीज की मौत के बाद भी उसके शव को जिंदा बताकर पांच दिनों तक जमकर वसूली की। इसकी पोल तब खुली जब परिजन कुछ किसान नेताओं के साथ जबरन वार्ड में घुस गए और अपने मरीज को मृत पाया। उसके शरीर से भी दुर्गंध आ रही थी। पांच दिनों में पांच लाख की वसूली की गई। बेहतर ढंग से इलाज भी नहीं किया था। इससे आक्रोशित परिजनों ने जमकर हंगामा किया। हॉस्पिटल के प्रवक्ता से सम्पर्क नहीं हो सका। वहीं सीएमओ कार्यालय में तैनात निजी अस्पतालों के नोडल अफसर डिप्टी सीएमओ डॉ. एपी सिंह ने शिकायत मिलने पर जांच कर कार्रवाई की बात कही है।
डेंगू के इलाज के लिए लखनऊ के चरक हॉस्पिटल में भर्ती हुआ था मरीज
सीतापुर जनपद के सिधौली थाना क्षेत्र के अटरिया दरियापुर गांव निवासी विशाल पांडेय को तेज बुखार था। परिजनों ने इसी 20 अक्टूबर को डेंगू के इलाज के लिए लखनऊ के ठाकुरगंज स्थित चरक हॉस्पिटल में कराया गया था, जहां इलाज चल रहा था। परिजनों ने बताया कि उन्हें मरीज से मिलने से नहीं दिया जा रहा था। शक होने पर बुधवार देर रात परिजन जबरन वार्ड में घुसे तो उन्हें मरीज मृत हालत में मिला। परिजनों ने बताया कि देखने से लग रहा था कि विशाल की मौत बुधवार सुबह ही हो गई थी। उसके शरीर से बदबू भी आ रही थी, जिसके बाद परिजनों ने बवाल शुरू कर दिया।
परिजनों ने बवाल काटा और किसान यूनियन के लोग भी पहुंचे
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