कूलर के खाली बॉक्स से गर्मी भगा रहा लखनऊ का अवध डिपो, सारे पार्ट्स गायब

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लखनऊ, रिपोर्टर।
कैसरबाग स्थित अवध डिपो वर्कशाप में भीषण गर्मी के बीच कर्मचारी डयूटी करने को मजबूर हैं। परिसर में परिचालकों के बैग आदि को रखने के लिए बने कमरे में कूलर तो है लेकिन उसमें से सारे पाट्ऱ्स गायब हैं। बैग स्टोर, चेकिंग रूम व यात्रियों के टिकट को काटने वाले ईटीआईएम मशीन को जमा करने वाले दफ्तरों में काम कर रहे कर्मचारियों का बुरा हाल है। उन्हें अपनी समस्याओं को बताने पर नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है। वहीं कार्यशाला के बाहर कैंटिन से पान की गुमटी में हो रही बिजली की अवैध सप्लाई को नहीं बंद किया गया है।
यहां महीने भर पहले एक बाबू गर्मी से गश खाकर जमीन पर गिर पड़ा था। तीन से चार कर्मचारियों ने वर्कशाप के वरिष्ठ केन्द्र प्रभारी को पत्र लिखकर पंखे, कूलर आदि लगवाने की मांग की थी। कहा था कि गर्मी से स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इसके बावजूद तीन माह बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई।
वरिष्ठ केन्द्र प्रभारी को लिखा पत्र, नहीं कि कोई सुनवाई…
बैग स्टोर में तैनात कर्मचारियों ने बताया कि वरिष्ठ केन्द्र प्रभारी जी को पत्र लिखा गया पर उन्होंने कोई सुनवाई नहीं की। इस भीषण गर्मी व तपिश में डयूटी करने को मजबूर हैं। रेस्ट रूम के शौचालयों की हालत बेहद खराब है। बैग स्टोर रूम में मात्र एक पंखे से यहां तैनात करीब चार बाबूओं को राहत दी जाती है। इन कर्मचारियों का यह भी कहना है कि जब भी हम अपने बड़े अफसरों या मीडिया के सामने अपनी समस्या को बताते हैं तो नौकरी से निकलाने की धमकी दी जाती है। आखिर हम अपने दर्द को किससे बयां करें।
ARM सत्यनारायण चौधरी ने पहले तो सारी समस्याओं को दरकिनार कर दिया। पर, शीर्ष अफसरों से शिकायत की बात सुनते ही उन्होंने कहा कि जल्दी ही बैग स्टोर, चेकिंग रूम व यात्रियों के टिकट को काटने वाले ईटीआईएम मशीन वाले कमरों में पंखे, कूलर आदि की व्यवस्था कराई जाएगी। कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की धमकी देने के सवाल पर उन्होंने बताया कि कुछ लोग हैं जो बेवजह शिकायत करते रहते हैं। जब उन्हें डिब्बे बने कूलर को दिखाया गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली।
कार्यशाला के बाहर ही कर्मचारियों के लिए कैंटिन बनाई गई है। जिसमें खाने-पीने के सामान उपलब्ध कराए जाते हैं। यहां से ही पास में एक पान की गुमटी में अवैध रूप से बिजली की सप्लाई हो रही है। पांच दिन बीत जाने के बावजूद भी सप्लाई को बंद नहीं किया गया है।

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