दिल्ली जल बोर्ड ने 750 करोड़ ऐसे कामों पर खर्च किये जिनका कोई प्रावधान नहीं -मनोज तिवारी
2016-17 के बाद से दिल्ली जल बोर्ड के न तो खाते बने हैं और न ही कोई ऑडिट हुआ है जो हेरफेर का बड़ा प्रमाण है-मनोज तिवारी
नई दिल्ली
भाजपा का केजरीवाल सरकार पर आरोप है दिल्ली जल बोर्ड अरविन्द केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार का पर्याय बन गया है इसमें दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष एवं सांसद मनोज तिवारी ने आज दिल्ली भाजपा के मंत्री हरीश खुराना एवं मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर की उपस्थिति में एक पत्रकारवार्ता की गई है इसका ओडिट ही नहीं इसकी न्यायिक जांच की आवश्यकता है। पत्रकार वार्ता में प्रवक्ता सरदार ज्योतजित सिंह एवं शुभेनदू अवस्थी भी उपस्थित थे।
सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि 1998 में दिल्ली जल बोर्ड की स्थापना का उद्देश्य था कि यह बोर्ड स्वयं अपना मूलभूत ढांचा तैयार करेगा और अपने राजस्व से अपने खर्चे चलायेगा। दिल्ली सरकार इसको केवल बड़ी प्लान हेड योजनाओं के लिये आर्थिक संसाधन उपलब्ध करायेगी।यह खेद का विषय है कि 1999 से 2013 तक कांग्रेस की शीला दीक्षित सरकार ने दिल्ली जल बोर्ड के संसाधनों की लूट मचाई और जल बोर्ड को टैंकर माफिया के सामने गिरवी रख दिया जिसके परिणाम स्वरूप 2013-14 के अंत में दिल्ली जल बोर्ड पर लगभग 20 हजार करोड़ रूपये की देनदारी खड़ी हो गई।
सांसद तिवारी ने कहा कि सी.ए.जी. की एक ड्राफ्ट रिपोर्ट में दिल्ली जल बोर्ड पर यूं तो अनेक विपरीत टिप्पणियां हैं पर 4 उल्लेखनीय टिप्पणियां हैं और मैं दिल्ली सरकार से इन पर जवाब मांगता हूँ।
1 दिल्ली जल बोर्ड के 477 बैंक खाते हैं पर उनमें से 111 खातों की कोई जानकारी बोर्ड ने सी.ए.जी. को नहीं दी जबकि इन खातों में 102 करोड़ रूपये होने का अनुमान है।
2 एक बैंक खाते में 11 करोड़ रूपये होते हुये भी जल बोर्ड ने अपने हिसाब में उसमें शून्य बैलेंस दिखाया।
3 107 करोड़ रूपये जैसी बड़ी राशि बैंक एडजेस्टमेंट के नाम पर बट्टेखाते लिखी गई।
4 974 करोड़ रूपये के राजस्व को चैक इन ट्रांजिट के रूप में दिखाया गया है जबकि सी.ए.जी. को केवल 8.06 करोड़ रूपये की वेरीफिकेशन हुई है।
इसी तरह दिल्ली जल बोर्ड में भारी निवेश के बाद भी आज भी 50 प्रतिशत तक पानी चोरी हो रहा है।
दिल्ली जल बोर्ड में हेरफेर का इससे बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है कि 12 हजार करोड़ रूपये से अधिक के ठेके बिना टैंडर के 5 लाख से कम राशि के वर्क ऑर्डरों के आधार पर दे दिये गये। मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली की जनता अब केजरीवाल सरकार की झूठी धमकियों से गुमराह नहीं होगी और अब जनता जल संकट तो सह लेगी पर केजरीवाल सरकार से भ्रष्टाचार का जवाब जरूर लेगी।
हरीश खुराना ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड ने मेरी याचिका को दबाने का भरसक प्रयास किया, न्यायालय को गुमराह करने का प्रयास किया और इसीके अंतर्गत गत 11 अक्टूबर, 2023 में कोर्ट में एक एफीडेबिट दायर कर दिल्ली जल बोर्ड के खाते प्रस्तुत करने के लिये एक वर्ष का समय मांगा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड के भ्रष्टाचार का एक बड़ा नमूना है कि उन्होंने एफीडेबिट में कहा है कि हमारे खातों में प्रति डिवीजन 3 लाख एंट्रियां होती हैं इसलिये समय तो लगेगा।
मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि आज दिल्ली वाले स्तब्ध हैं की केजरीवाल सरकार का कोई ऐसा विभाग नही जिसके कार्यो में भ्रष्टाचार ना हो, आबकारी विभाग हो, लोक निर्माण विभाग हो राशन विभाग हो, परिवहन विभाग हो प्राइवेट डिस्कॉम का बिजली बिल घोटाला हो जल बोर्ड हो हर ओर हेरफेर ही हेरफेर है।