मोतीनगर के विधायक शिवचरण गोयल ने शुक्रवार को पंजाबी बाग से राजा गार्डन तक 308 करोड़ रुपये की लागत बन रहे फ्लाईओवर के निर्माण कार्य का गहन निरीक्षण किया। इसी साल नवंबर तक फ्लाईओवर पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा।
विधायक ने बताया कि यह फ्लाईओवर दिल्ली की सड़कों को सुगम बनाने और ट्रैफिक जाम की समस्या को खत्म करने के दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने के लिए बड़े पैमाने पर कार्य कर रही है, और यह प्रोजेक्ट उसी दिशा में एक और महत्वपूर्ण प्रयास है।
पहले जहां केवल तीन लेन थीं, अब फ्लाईओवर को छह लेन का बनाया जा रहा है। इससे यातायात व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार होगा और आने-जाने में लोगों को काफी राहत भी मिलेगी।
तेजी से आगे बढ़ रहा निर्माण कार्य
यह प्रोजेक्ट लगभग 308 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। फ्लाईओवर की कुल लंबाई 1.2 किलोमीटर और चौड़ाई 23 मीटर है। निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है और इसे नवंबर 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
विधायक शिवचरण गोयल ने बताया कि यह फ्लाईओवर लाखों दिल्लीवासियों के लिए एक वरदान साबित होगा, खासकर उन लोगों के लिए जो पंजाबी बाग और राजा गार्डन के बीच यात्रा करते हैं। इसके बन जाने के बाद लोगों को यातायात जाम से निजात मिलेगी, जिससे यात्रा में समय की बचत होगी। साथ ही, प्रदूषण के स्तर में भी कमी आएगी, जिससे पर्यावरण को राहत मिलेगी।
यह फ्लाईओवर प्रोजेक्ट दिल्ली को एक स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए एक और मजबूत कदम
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में यातायात की समस्याओं को हल करने और प्रदूषण कम करने के लिए बड़े पैमाने पर परियोजनाओं की शुरुआत की है। यह फ्लाईओवर प्रोजेक्ट दिल्ली को एक स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए एक और मजबूत कदम है। इसमें नागरिकों के लिए एक सुरक्षित, प्रदूषण-मुक्त और समयबद्ध यात्रा का वादा शामिल है।
अब एक बड़ा राहत मिलने की उम्मीद
इस परियोजना के पूरा होने से दिल्लीवासियों की जिंदगी में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। खासतौर से पश्चिमी दिल्ली के लोगों को, जिनकी दिनचर्या का एक बड़ा हिस्सा यातायात जाम में ही खर्च हो जाता था, अब एक बड़ा राहत मिलने की उम्मीद है।
इस फ्लाईओवर से न सिर्फ दैनिक जीवन में सुधार आएगा बल्कि यह दिल्ली के भविष्य के लिए एक मजबूत बुनियादी ढांचे का निर्माण करेगा। यह परियोजना शहर के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगी और दिल्ली को एक नई दिशा में ले जाएगी।