डेंगू, मलेरिया चिकनगुनिया संक्रमण के प्रसार को रोकने के साथ ही मच्छरों को पनपने से रोकना होगा। यह ऐसी बीमारियां हैं जिनसे हम थोड़ी सी सावधानी बरतकर बच सकते हैं। छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें तो यह बीमारियाँ पास भी नहीं फटकेंगी। इन बीमारियों के लिए कहीं न कहीं हम भी जिम्मेदार हैं।
यह जानकारी अपर नगर आयुक्त ललित कुमार ने दी। वह राष्ट्रीय वेक्टरजनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान और स्वयंसेवी संस्था पाथ-सीएचआरआई (जीसीपीएल) के सहयोग से शहर के होटल में कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर रेजिडेंट वेलफेयर एसोसियेशन के प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों को डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया संक्रमण के बारे में संवेदित किया गया।
कबाड़ को घर पर सहेजें नहीं इन्हें फेंक दें
राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. मसूर अली सिद्दीकी ने कहा कि घर में इतनी जगह हैं जहां पर मच्छर पनप सकते हैं लेकिन हम ध्यान नहीं देते।कूलर, गमले की प्लेटें, बर्ड बाथ, टूटे बर्तन कबाड़ आदि। कबाड़ को घर पर सहेजें नहीं इन्हें फेंक दें यह मच्छरों को दावत देते हैं।
इसके अलावा घर में हम मनी प्लांट जैसे शो वाले पौधे लगा तो लेते हैं लेकिन फिर ध्यान नहीं देते हैं कि इसका पानी बदलना भी है जबकि घरों में यह मच्छर पनपने का एक अच्छा माध्यम है। डेंगू का मच्छर एक चम्मच साफ़ पानी में भी पनप सकता है। इसलिए सोसायटी में व आस –पास लोगों को जागरूक करें कि वह घरों में मच्छर पनपने की कोई गुंजाईश न छोड़ें।
प्रशिक्षित चिकित्सक को दिखाकर जांच और इलाज कराएं
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पी.के श्रीवास्तव ने कहा कि डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया सभी में बुखार आता है इसलिए बिना जांच कराये किसी भी तरह की दवा का सेवन स्वयं न करें, यहां तक कि घरेलू उपचार भी नहीं। प्रशिक्षित चिकित्सक को दिखाकर जांच और इलाज कराएं।
डेंगू के प्रबन्धन में तरल पेय पदार्थ का सेवन बहुत जरूरी
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. रितु श्रीवास्तव ने कहा कि डेंगू के प्रबन्धन में तरल पेय पदार्थ का सेवन बहुत जरूरी है। शरीर में निर्जलीकरण न होने पाए इसके लिए ओआरएस, फलों का रस, सूप, नारियल पानी आदि का सेवन करें। संतुलित और पौष्टिक भोजन का सेवन करें। जिला मलेरिया अधिकारी ने लोगों से अपने घरों में मच्छररोधी पौधे जैसे तुलसी, गेंदा, रोजमेरी, लेमनग्रास, लहसुन आदि लगाने की अपील की। उन्होंने कहा कि इन पौधों से आने वाली महक से मच्छर भागते हैं। सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर जांच और इलाज की सुविधा निशुल्क उपलब्ध है।
इस मौके पर जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. निशांत निर्वाण, जिला मलेरिया इकाई के लोग और पाथ सीएचआरआई (जीसीपीएल) की टीम मौजूद रहीं।