जनजागरण के बाद उ.प्र.स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ विशेष बैठक में निर्णायक आन्दोलन की घोषणा करेगा। महासंघ प्रदेश भर में लम्बित समस्याओं के समाधान के लिए 15 जुलाई से 15 अगस्त तक जनजागरण अभियान चला रहा है। इसके बाद 21 अगस्त को प्रदेश कार्यसमिति की विशेष बैठक में निर्णायक आन्दोलन की घोषणा होगी।
पुरानी पेंशन बहाली, राष्ट्रीय वेतन आयोग के गठन एवं अकेन्द्रियत सेवा नियमावली समेत मांगों को किया गया नजरअंदाज
केन्द्र सरकार के बजट पर महासंघ एवं कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा उ.प्र. में आक्रोश एवं नाराजगी है। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष शशि कुमार मिश्र एवं प्रदेश महामंत्री राकेश अग्निहोत्री तथा कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष रमाकांत मिश्र ने बताया कि प्रधानमंत्री एवं वित्तमंत्री को कई बार पत्र भेजकर उनसे पुरानी पेंशन बहाली, राष्ट्रीय वेतन आयोग के गठन एवं अकेन्द्रियत सेवा नियमावली, दैनिक वेतन/संविदा कर्मियों का विनियमतीकरण, आउटसोर्सिंग आदि के कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा, न्यूनतम वेतन एवं आयकर सीमा बढ़ाने आदि की मांग की गई थी। बावजूद देश व प्रदेश भर के कर्मचारियों की समस्याओं पर निर्णय नहीं लिया गया।
इसके लिए आन्दोलन भी किया गया, लेकिन केंद्र व उत्तर प्रदेश की सरकार ने कर्मचारियों की पीड़ा को नहीं सुना। इसलिए अगस्त माह में एक बड़ा आन्दोलन होगा। जिसमें कार्य बन्दी आदि पर विचार करके नाराजगी जताई जायेगी। इसके साथ ही आगे भी संयुक्त मोर्चा एवं इप्सेफ आदि के माध्यम से आन्दोलन करने का निर्णय हुआ है।
भीषण महंगाई से कर्मचारी नहीं जुटा पा रहा दो जून की रोटी
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि भीषण महंगाई से कर्मचारी दो जून की रोटी, बच्चों की शिक्षा-दीक्षा एवं दैनिक खर्चे की व्यवस्था नहीं कर पा रहा है। वहीं दूसरी तरफ कॉर्पोरेट जगत को लाभ पहुंचाया जा रहा है। इसलिए अब आन्दोलन के अलावा कोई विकल्प नहीं दिखाई दे रहा है।
निकाय, संयुक्त मोर्चा एवं आल इंडिया स्तर पर इप्सेफ के नेताओं ने पुन: प्रधानमंत्री एवं वित्तमंत्री सहित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से कर्मचारी समाज की मांगों पर सार्थक निर्णय करने की अपील की है।