लखनऊ: KGMU के डॉक्टरों व कर्मचारियों की लापरवाही से गई मासूम बच्चे की जान

यू-ट्यूब पर देखकर हो रही थी डायलिसिस, मौत के बाद हंगामा

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लखनऊ, संवाददाता।
KGMU में इलाज के अभाव में नौ माह के मासूम बच्चे की तड़प- तड़पकर मौत हो गई। डायरिया होने पर परिवारीजन ने उसे ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया था। यहां चौथे तल में वार्ड एक में बच्चे को भर्ती कर उसका इलाज चल रहा था।
आरोप है कि बच्चे के इलाज में डॉक्टर- कर्मचारियों ने लापरवाही बरती। हालत गंभीर होने के बावजूद उसकी सेहत पर ध्यान नहीं दिया। यू-ट्यूब पर देखकर डायलिसिस की गई। उसकी हालत और गंभीर हो गई। इलाज के दौरान बच्चे का काफी रक्तस्राव हुआ। लगातार पल्स रेट कम हो रही थी। इलाज में कोताही की वजह से बच्चा शुक्रवार तड़के जिंदगी की जंग हार गया। इससे नाराज परिवारीजनों ने हंगामा किया। कर्मचारियों ने किसी तरह समझा- बुझाकर मामला शांत कराया। इसका वीडियो भी वायरल हुआ।
डायरिया से पीड़ित नौ माह के मासूम का KGMU में चल रहा था इलाज
गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर निकट नंदा नगर निवासी जितेंद्र यादव के बेटे अभ्युदय (नौ माह) को डायरिया हुआ था। परिवारीजनों ने स्थानीय अस्पताल में दिखाया पर फायदा नहीं हुआ। 14 जून को परिवारीजन बच्चे को लेकर केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। वहां चौथे तल में वार्ड एक में बच्चे को भर्ती कर इलाज शुरू किया गया।
हालत गंभीर होने के बावजूद बच्चे की सेहत पर नहीं दिया ध्यान, यू-ट्यूब पर देखकर चल रही थी डायलिसिस
शटरिंग का काम करने वाले पिता जितेंद्र यादव का आरोप है कि बच्चे के इलाज में डॉक्टर- कर्मचारियों ने बेपरवाही बरती। हालत गंभीर होने के बावजूद उसकी सेहत पर ध्यान नहीं दिया। यू-ट्यूब पर देखकर डायलिसिस की गई। नतीजतन उसकी हालत और गंभीर हो गई। इलाज के दौरान बच्चे का काफी रक्तस्राव हुआ।
डॉक्टर व कर्मचारियों ने फरियाद की अनसुना कर दिया
मामा प्रवीन यादव का आरोप है कि बच्चे को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। उसके गले में गंदगी फंसी थी। मशीन से उसे निकालने (सक्शन) की गुजारिश की। डॉक्टर व कर्मचारियों ने फरियाद की अनसुना कर दिया। बच्चे की बिगड़ती हालत देख परिवारीजनों ने मशीन से गले में फंसी गंदगी साफ की जिससे बच्चे को कुछ देर राहत मिली।
बच्चे की लगातार कम हो रही थी पल्स रेट
इसके बाद मासूम को एम्बुबैग के सहारे रखा गया। प्रवीन का आरोप है कि लगातार पल्स रेट कम हो रही थी। इलाज में कोताही की वजह से बच्चा शुक्रवार तड़के जिंदगी की जंग हार गया। इससे नाराज परिवारीजनों ने हंगामा किया। कर्मचारियों ने किसी तरह समझा-बुझाकर मामला शांत कराया।
मेरे बच्चे को बचा लो…वह जिंदा है..!
इसका वीडियो भी वायरल हुआ। इसमें परिजन कह रहे हैं कि मेरे बच्चे को बचा लो। वह जिंदा है। उसकी सांसें भी चल रही हैं। आप लोग तो केजीएमयू के डॉक्टर हैं। मुझे नहीं पता था कि आप लोग इतना संवेदनहीन हैं। बच्चा तड़प रहा है। आप लोग, उसे देखने तक की जहमत नहीं उठा रहे हैं। परिजन यह गुहार लगाते रहे और देखते-देखते बच्चे की मौत हो गईं।
वहीं KGMU के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने गोल- मटोल जवाब देकर पल्ला झाड़ लिया।

 

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