DPS द्वारका ने काट दिया 26 छात्रों के नाम, जानें अब क्या कर रहे हैं उनके अभिभावक
बुधवार को अभिभावको ने किया शिक्षा निदेशालय के बाहर विरोध प्रदर्शन
नई दिल्ली
द्वारका स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल से 26 छात्रों के नाम काटने के विरोध में 70 अभिभावक ने बुधवार को शिक्षा निदेशालय के मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया। इससे पहले सोमवार को डीडीई एसडबल्यू बी, नजफगढ़ को मौन विरोध प्रदर्शन किया।
सुबह 10 बजे से चले प्रदर्शन को देखते हुए करीब चार घंटे के बाद निदेशक ने 2 अभिभावकों को बुलाया। इस मुलाकात के बाद अभिभावकों को सिर्फ आश्वासन ही मिला।
अभिभावकों का कहना है कि डीपीएस स्कूल द्वारका के द्वारा मांगी गई मनमानी फीस न देने की वजह से 26 बच्चों का नाम काट दिया। इन बच्चों को अन्य छात्रों के साथ बैठने नहीं देकर स्कूल लाइब्रेरी में बंद कर दिया।
इन छात्रों के माता-पिता 22.05.2024 के डीओई आदेश का पालन कर रहे हैं। स्वीकृत फीस का भुगतान कर रहे हैं। हालांकि, छह साल से अधिक हो गए हैं और डीओई ने अपने आदेश को लागू करने में असफल रहा है और शिक्षा विभाग के प्रतिनिधि मूकदर्शक बने हुए हैं, जबकि माता-पिता और बच्चे लगातार पीड़ित हो रहे हैं।
2020-21 से लेकर आज तक डीओई, एलजी, दिल्ली के शिक्षा मंत्री, केंद्रीय शिक्षा मंत्री और दिल्ली के मुख्यमंत्री को अनगिनत शिकायतें दर्ज कराई गई हैं, लेकिन आज तक भी कोई राहत नहीं मिली है। बल्कि डीपीएस द्वारका जैसे निजी स्कूलों को अनाधिकृत फीस वसूलने के लिए स्वतंत्र छोड़ दिया गया है, माता-पिता को धमकी दी जा रही है कि अगर फीस नहीं दी गई तो उनके बच्चों को प्रताड़ित किया जाएगा।
फेडेरेशन ऑफ साउथ एंड वेस्ट डिस्ट्रीक्ट वेलफेयर फोरम के सचिव महेश मिश्रा ने बताया की डीपीएस द्वारका प्रत्येक बच्चे के लिए 2.25 लाख (लगभग) वापस करने का जिम्मेदार है और डीओई के आदेश के बावजूद स्कूल अपनी मनमानी से छात्रों के नाम हटा रहा है और एक सरकारी आदेश की पूरी तरह से अनदेखी कर रहा है साथ ही
दिल्ली की शिक्षा प्रणाली और दिल्ली सरकार और शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने मौन धारण किया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि हम एक कानून हीन समाज में रह रहे हैं।