नई दिल्ली
केंद्र सरकार द्वारा ई- कॉमर्स पर बनाए गए नियमों और पॉलीसी को तुरंत लागू करने को लेकर एक मीटिंग का आयोजन हुआ। इसमें डीपीआईआईटी एवं उपभोक्ता मामलों के सचिवों के अलावा कैट, आमेजन, फ़्लिपकार्ट, रिलायंस, टाटाक्लिक, मिशो, स्नेपडील, शिपरॉकेट आदि सहित दोनों मंत्रालयों के अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे । केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल कहा है कि उनके अमरीका से लौटने पर तुरंत यह दोनों दस्तावेज जारी हो जाएंगे । उन्होंने कहा है कि इंडो पैसिफ़िक इकोनॉमिक फोरम की मीटिंग में भाग लेने के कल 4 दिन की यात्रा पर अमरीका गए हैं तथा 17 नवंबर को वापिस लौटेंगे। एक लंबे समय से कैट ई कॉमर्स के लिये एक पालिसी एवं उपभोक्ता क़ानून के अंतर्गत नियमों को लागू करने की माँग करता आ रहा है जिससे ई कॉमर्स बाज़ार में समानता की प्रतिस्पर्धा हो सके। इस मुद्दे पर विगत दो वर्षों से वाणिज्य मंत्रालय एवं उपभोक्ता मामले मंत्रालय सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ लगभग 80 मीटिंग के ज़रिए विचार विमर्श कर चुके हैं और अंतिम रूप से गत 2 अगस्त को वाणिज्य मंत्रालय में हुई एक मीटिंग में सभी स्टेकहोल्डर्स के बीच पालिसी एवं नियमों के 6 मुख्य आधारों पर सहमति जताते हुए एक सर्वसम्मति भी बनी थी।
खंडेलवाल से हुई कल मुलाक़ात में गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ई कॉमर्स व्यापार को सही रूप से परिभाषित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं । उन्होंने बताया कि ई कॉमर्स पालिसी एवं नियम पूर्ण रूप से तैयार हैं और जिस तरह से देश में तेज़ी से ई कॉमर्स का विस्तार हो रहा है उसको देखते हुए बहुत सोच समझ कर बनाये गये हैं ।सभी स्टेकहोल्डर्स के प्रति से सामूहिक एवं व्यक्तिगत रूप से काफ़ी चर्चा की गई है । उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि इनमें ख़ास तौर पर उपभोक्ताओं एवं छोटे व्यापारियों के हितों का बहुत ख़्याल रखा गया है वहीं ई कॉमर्स के ज़रिए देश में एक पारदर्शी एवं समानता तथा ज़िम्मेदारी के आधार पर व्यापार व्यवस्था को निर्मित करने को भी महत्वता दी गई है।
गोयल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दिवाली वोकल फॉर लोकल के आह्वान का जिस तरह से लोगों ने दिवाली के त्यौहारों में भारतीय उत्पाद ख़रीदी कर ज़बरदस्त समर्थन किया है खंडेलवाल ने कहा कि ई कॉमर्स पालिसी एवं नियमों की देश को बहुत ज़रूरत है । वर्तमान में चल रहे ई कॉमर्स व्यापार में कंपनियों द्वारा जिस बड़े पैमाने पर अस्वस्थ व्यापारिक मॉडल के ज़रिए अपनी मनमानी की जा रही है एवं एफ़डीआई पालिसी का उल्लंघन किया जा रहा है उससे देश के रिटेल बाज़ार को बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है और इन कंपनियों द्वारा अपने ई कॉमर्स पोर्टल के द्वारा बेचे जा रहे सामानों की कोई ज़िम्मेदारी न लेने से उपभोक्ता भी ठगा जा रहा है।क्योंकि ई कॉमर्स देश में भविष्य का बाज़ार है, इसलिए ई कॉमर्स के लिये एक मज़बूत पालिसी एवं नियमों की तुरंत आवश्यकता है।