UPS के खिलाफ सड़क पर कर्मचारी, जानें क्यों कर रहे विरोध
जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया विरोध प्रदर्शन, सौंपा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम ज्ञापन
नई दिल्ली
सरकारी कर्मचारियों के लिए लाए गए यूनिफाइड पेंशन योजना के खिलाफ कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है। शनिवार को फोरम अगेंस्ट एनपीएस (FANPS) के आह्वान पर सैकड़ो सरकारी कर्मचारियों ने जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही ओपीएस को लागू करने की मांग की। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम एक ज्ञापन भी भेजा गया।
इस ज्ञापन में कहा गया है कि “फोरम अगेंस्ट एनपीएस का मानना है कि ‘यूनिफाइड पेंशन योजना (यूपीएस) असल में एनपीएस का चिकन चुपड़ा बदरूप चेहरा है।’ इसमें एनपीएस की तरह ही कर्मचारियों की जेब काटने और बीमा कंपनियों को मालामाल करने के प्रावधान शामिल है। । इसके अलावा, पेंशन की राशि की गणना सेवानिवृत्ति से पहले के 12 महीनों के औसत मूल वेतन के 50% के रूप में की जाएगी। ओपीएस के विपरीत यूपीएस में पेंशन केंद्रीय डीए पैटर्न से नहीं बल्कि औद्योगिक डीए पैटर्न से जुड़ी होगी। साथ ही, ओपीएस के विपरीत, यूपीएस ने पूर्ण पेंशन की पात्रता के लिए कम से कम 25 वर्षों की सेवा सीमा निर्धारित की गई है। अन्यथा पेंशन आनुपातिक आधार पर भुगतान की जाएगी। वास्तव में, ओपीएस की तुलना में यूपीएस के तहत पेंशन की राशि बहुत कम होगी। फैमली पेंशन की गणना भी सही नही है। इसके अन्य प्रावधान भी चमकीले, भ्रामक और कर्मचारियों को ठगने वाले हैं। यह एनपीएस से मिलती-जुलती योजना है जो कर्मचारियों के हित मे कदापि नही है।
विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए फोरम अगेंस्ट एनपीएस (FANPS) संयोजक अमर रावत ने कहा कि देश के सरकारी कर्मचारियों की मांग है कि OPS को वापस लागू किया जाए। केंद्र सरकार अब UPS को लागू करने पर आमादा है, जो किसी को भी स्वीकार नही है और हम तब तक आंदोलन जारी रखेंगे, जब तक ओपीएस लागू नही की जाती है। स्वास्थ्य कर्मचारियों के संगठन नेशनल पब्लिक हेल्थ एलाइंस के अध्यक्ष विजय कुमार और महासचिव भारत वीर, स्वास्थ्य क्षेत्र के साथी प्रखर मिश्रा शामिल हुए ।देश के सरकारी कर्मचारियों के महासंघ जॉइंट प्लेटफार्म का एक्शन (JPA) के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री एस एस नेगी, रेलवे से मयंक, कलावती से भोला प्रसाद आदि ने संबोधित किया। और सभी का एक ही नारा हमें ओल्ड पेंशन स्कीम OPS देनी होगी इसलिए नीचे कुछ मंजूर नहीं।