नेपाल सीमा से भारत में घुस रहे तीन आतंकी गिरफ्तार, UP ATS ने किया यह बड़ा खुलासा?
तीनों को नेपाल से सटे महराजगंज जिले के सोनौली कस्बे से पकड़े
लखनऊ
UP ATS को बड़ी सफलता हाथ लगी है। नेपाल से भारत में घुसने से पहले ही सीमा पर दो पाकिस्तानी समेत तीन आतंकियों मोहम्मद अल्ताफ भट, सैय्यद गजनफर व नासिर अली को गिरफ्तार किया गया है। अल्ताफ भट ISI की मदद से कुख्यात आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन से ट्रेनिंग भी ले चुका है। तीनों बुधवार को नेपाल से सटे महराजगंज जिले के सोनौली कस्बे से पकड़े गए थे। पूछताछ के बाद गुरुवार को मुकदमा दर्ज करते हुए तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया।
ATS के मुताबिक उसकी गोरखपुर फील्ड इकाई को खुफिया सूचना मिली थी कि दो पाकिस्तानी नागरिक भारत नेपाल सीमा से सटे शेख फरेंदा गांव होते हुए गुप्त रास्ते से भारत में प्रवेश करने वाले हैं। यह भी पता चला था कि ये लोग भारत में आतंकी घटना को अंजाम देने का मंसूबा रखते हैं तथा ISI के सहयोग से हिजबुल मुजाहिद्दीन के ट्रेनिंग कैंप में प्रशिक्षण भी ले चुके हैं। बुधवार को ATS की टीम ने सोनौली बॉर्डर से पाकिस्तान के रावलपिंडी स्थित सादिकाबाद निवासी मोहम्मद अल्ताफ भट, इस्लामाबाद के तरामणि चौक इरफानाबाद निवासी सैय्यद गजनफर तथा जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर स्थित कराली पोरा हवल निवासी नासिर अली को दबोच लिया। तीनों के कब्जे से दो मोबाइल फोन, एक मेमोरी कार्ड, दो पाकिस्तानी व एक भारतीय पासपोर्ट, सात डेबिट व क्रेडिट कार्ड, तीन आधार कार्ड, दो फ्लाइट टिकट, एक पाकिस्तानी ड्राइविंग लाइसेंस, दो पाकिस्तानी राष्ट्रीय पहचान पत्र तथा नेपाल, बांग्लादेश, भारत व अमेरिका की मुद्रा बरामद हुई है। तीनों के विरुद्ध ATS के लखनऊ थाने में आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120 बी व 121 ए. विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम की धारा 13. 18 व 38 तथा विदेशी अधिनियम 1946 की धारा 14 व 14 सी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
मोहम्मद अल्ताफ भट ने पूछताछ में बताया कि उसका जन्म भारत के कश्मीर में हुआ था। करगिल युद्ध के बाद वह हिज्ब-उल-मुजाहिदीन के एक आतंकी के साथ जिहाद की ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान चला गया था। वह हमेशा से ही चाहता था कि कश्मीर पाकिस्तान का हिस्सा बने। इस मकसद से उसने पाकिस्तान पहुंच कर आईएसआई के निर्देशन में हिजबुल मुजाहिदीन के मुजफ्फराबाद कैंप में जेहादी ट्रेनिंग ली। आईएसआई, कश्मीर स्थित आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के साथ मिलकर भारत में आतंक फैलाने के उद्देश्य से भारतीय नागरिकों को अपनी तंजीम में जोड़ रही है। वह हिजबुल मुजाहिदीन का साहित्य पढ़कर तथा अन्य जेहादी संगठनों के उस्तादों की तकरीरें सुनकर प्रभावित हुआ। अल्ताफ ने हिजबुल के कैंप में असलहों की ट्रेनिंग की व लंबे समय तक कैंप में रहकर वहां के कमाण्डरों के दिशा-निर्देशन में काम किया। उसे हिदायत मिली थी कि वह खुफिया तौर से नेपाल के रास्ते जम्मू-कश्मीर पहुंचे जहां पर उसे आगे की योजना के बारे में बताया जाएगा।
अल्ताफ ने बताया कि नेपाल के काठमाण्डू में आईएसआई के हैंडलर के माध्यम से नासिर अली से मुलाकात हुई। नासिर ने ही अल्ताफ़ और गजनफर को फर्जी भारतीय आधार कार्ड उपलब्ध करवाया। नासिर ने ही दोनों को शेख फरेंदा गांव के रास्ते भारत आने के लिए बताया था। नासिर कश्मीर का रहने वाला है और व्हॉट्सअप के जरिए उसका संपर्क ISI के सलीम नाम के व्यक्ति से हुआ था। सलीम ने नासिर को बताया कि तुम्हारे मामू गजनफर के साथ एक और व्यक्ति को पाकिस्तान से भेजा जा रहा है, जो काठमांडू में मिलेंगे। इस तरह से बड़ी सफलता मिली है।