Fake Video: देवेन्द्र यादव ने पुलिस कमिश्नर से की मुलाकात, फर्जी खबर फैलाने वालों पर हो तुरंत कार्रवाई

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नई दिल्ली

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव सोमवार को कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के साथ दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने बताया कि 4 मई को दिल्ली कांग्रेस के वकीलों के साथ थाना तुगलक रोड़ में भाजपा व उनसे जुड़े व्याक्तियों के खिलाफ लोकसभा चुनाव के दौरान जनता को गुमराह कर फर्जी खबर फैलाने के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष देवेन्द्र यादव के साथ अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मीडिया चेयरमैन पवन खेड़ा, सोशल मीडिया चेयरमैन सुप्रिया श्रीनेत, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चैपड़ा, सहित कई कांग्रेस नेता मौजूद रहें।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की वीडियो का एडिट कर जनता गुमराह किया गया
इस दौरान देवेन्द्र यादव ने पुलिस आयुक्त से मांग की कि इस मामले में जल्द से जल्द एफआईआर दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि किस प्रकार हमारे नेता राहुल गांधी की वीडियो को कैसे एडिट करके उनके भाषण जिसमें उन्होंने एससी/एसटी/ओबीसी/अल्पसंख्यक वर्ग के लिए बयान दिया था जबकि एडिट करके उसे सिर्फ अल्पसंख्यक वर्ग के लिए बताकर भ्रामक बना दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों पर रोक लगनी चाहिए और ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही हो। श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि एक तरफ तो पुलिस भाजपा को सपोर्ट करते हुए स्वयं संज्ञान लेती है दूसरी तरफ यदि कांग्रेस और विपक्षी दल किसी अति संवेदनशील विषय पर शिकायत दर्ज कराने जाती है तो उनको लंबा इंतजार तक कराया जाता है।

कांग्रेस का आरोप भाजपा ने किया वीडियो अपलोड

देवेन्द्र यादव ने अपनी शिकायत में कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान वीडियो ग्राफिक सामग्री का सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर बार-बार प्रकाशन और प्रसार, जो या तो गलत दुर्भावनापूर्ण या केवल मतदाताओं को गुमराह करने के इरादे से अथवा लोगों को गुमराह करने के इरादे से किया गया। उन्होंने कहा कि ये सभी दुर्भावनापूर्ण वीडियो सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध हैं और भाजपा के प्रतिनिधियों द्वारा अपलोड और साझा किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनता और मतदाताओं को गुमराह करने के लिए और समुदायों के बीच शत्रुता और नफरत पैदा करने के लिए इन वीडियो को विकृत, छेड़छाड़ या संपादित करके वीडियो के अंशों में भ्रामक और झूठी सामग्री शामिल की गई है।

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