लखनऊ, रिपोर्टर।
बालाघाट उपकेंद्र के पीछे मंगलवार रात को बिजली का फॉल्ट ठीक कर रहे संविदाकर्मी लाइनमैन सिकंदर लोधी (36) की करंट की चपेट में आने से झुलसकर मौत हो गई। आनन-फानन में उसे अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने हादसे के वक्त मौके पर मौजूद SDO पुरूषोत्तम कुमार व JE मनीराम को दोषी मानते हुए उनपर कार्रवाई करने की मांग की है। पीड़ित परिवार व साथियों ने 20 लाख रूपए मुआवजा और सिकंदर के पत्नी को सरकारी नौकरी देने की मांग की गई है। अफसरों ने लाइनमैन को पोल पर चढ़ाया…
आरोप है कि बिना शटडाउन के दोनों अफसरों ने बिजली का फॉल्ट ठीक करने के लिए सिकदंर को पोल पर चढ़वा दिया। इस दौरान पोल पर दोहरी सप्लाई थी। हालांकि, एक लाइन की बिजली सप्लाई बंद करवा दी, जबकि दूसरे में करंट दौड़ रहा था। जैसे ही सिकंदर ने फॉल्ट ठीक करने के लिए हाथ आगे बढ़ाया तो वह करंट की चपेट में आ गया। आनन-फानन में अधिकारियों ने बिजली सप्लाई को बंद कराया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हादसे के बाद स्थानीय लोगों की भीड़ जुट गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
इससे परिजनों में काफी आक्रोश है। JE और SDO को दोषी मानते हुए उन पर कार्रवाई करने की मांग की है। हालांकि परिजनों ने कोई तहरीर नहीं दी है। नहीं लिया गया शटडाउन, लापरवाही से हुआ हादसा…
दौलतगंज तलेबा निवासी संविदाकर्मी सिंकदर लोधी बालाघाट विद्युत उपकेंद्र पर लाइनमैन के पद पर कार्यरत था। बेटे प्रिंस का कहना है कि मंगलवार रात करीब नौ बजे उपकेंद्र के पीछे अचानक बिजली का फॉल्ट हो गया था। इसके बाद JE और SDO उनके पिता को अपने साथ फॉल्ट ठीक कराने के लिए लेकर गए थे। प्रिंस ने बताया कि अधिकारियों ने उनके पिता को बिजली के पोल पर चढ़वा दिया। इस दौरान पोल पर दोहरी सप्लाई थी।
आरोप है कि अधिकारियों ने एक लाइन की बिजली सप्लाई बंद करवा दी, जबकि दूसरी में करंट दौड़ रहा था। जैसे ही उनके पिता ने फॉल्ट ठीक करने के लिए हाथ आगे बढ़ाया तो वह करंट की चपेट में आकर झुलस गए। आनन-फानन में अधिकारियों ने सप्लाई को बंद कराया, लेकिन तब तक सिकंदर की मौत हो चुकी थी। अधिकारियों ने परिजनों को हादसे की जानकारी देते हुए पुलिस को सूचना दी थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों से पूछताछ कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
इंस्पेक्टर ने बताया कि लाइनमैन की मौत के बाद परिजनों में काफी आक्रोश है। परिजनों ने JE और SDO को दोषी मानते हुए उन पर कार्रवाई किए जाने की मांग की है। बेटी मुस्कान का आरोप है कि विभाग के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से उनके पिता की मौत हुई है। वहीं, साथियों ने सिकंदर के पीडि़त परिजनों को मुआवजा देने की मांग की है। सिकंदर घर में अकेला ही कमाने वाला था…
इंस्पेक्टर का कहना है कि परिजनों की तरफ तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट होगा। सिकंदर घर में अकेला कमाने वाला था। उसके परिवार में पत्नी सुनीता, बेटा प्रिंस और बेटी मुस्कान है।
बिजली निविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद ने बताया कि अधिकारी 12-12 घंटे तो काम कराते ही हैं। अब 24 घंटे डयूटी कराते हैं। ऐसे में बिजली कर्मियों की सुरक्षा को खतरा रहता है। कई कर्मचारियों के साथ हादसे हो चुके हैं।