लखनऊ में बच्चों के पेट से कीड़े निकालने का अभियान, एक से 19 साल तक के 21.51 लाख बच्चों को खिलायी जाएगी एल्बेंडाजोल दवा

राजधानी में 10 अगस्त को एनडीडी के तहत खिलाई जाएगी एल्बेंडाजोल, छूटे बच्चों को 14 अगस्त को मॉप अप राउंड में खिलाई जाएगी दवा

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लखनऊ, संवाददाता।

राजधानी में 10 अगस्त को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (एनडीडी) के तहत एक से 19 साल की आयु के 21.50 लाख बच्चों को पेट से कीड़े निकालने की दवा एल्बेंडाजोल खिलाई जायेगी। जो बच्चे 10 को दवा खाने से रह जायेंगे उन्हें 14 अगस्त को मॉप अप राउंड में दवा खिलाई जाएगी। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज अग्रवाल ने दी। वह शुक्रवार को जिलाधिकारी कार्यालय सभागार में डीएम सूर्यपाल गंगवार के निर्देश पर जिला समन्वयन समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे।

सभी लक्षित बच्चों को दवा खिलाना सुनिश्चित करें-सीएमओ

सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने कहा कि अभियान सभी विभागों के समन्वय से सफल हो सकता है। सभी लक्षित बच्चों को दवा खिलाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि समय से जिला एवं ब्लाक स्तरीय प्रशिक्षण कराएं और माइक्रोप्लान बनायें। उन्होंने स्वयंसेवी सस्थाओं और पंचायती राज से इस दिवस के बारे में व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही बच्चों को दवा खिलाने में ग्राम प्रधानों का सहयोग लिया जाये।

बच्चों में खून की कमी का एक कारण पेट में कीड़े होना है

डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग का यह कार्यक्रम बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि बच्चों में पेट में कीड़े होना आम समस्या है लेकिन उचित समय पर दवा खिलाकर इससे निपटा जा सकता है। बच्चों में खून की कमी का एक कारण पेट में कीड़े होना है। पेट में कीड़े होने से बच्चों की वृद्धि में रुकावट आती है। इससे बचाव के लिए व्यापक साफ सफाई रखने, उचित तरीके से हाथ धोने और फल सब्जियों को अच्छे से धोकर ही खाने के बारे में लोगों को बतायें।

21.50 लाख बच्चों को पेट से कीड़े निकालने की दवा खिलाए जाने का लक्ष्य-नोडल अधिकारी

कार्यक्रम की जानकारी देते हुए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के नोडल अधिकारी डॉ. विनय मिश्रा ने बताया कि जनपद में एक से 19 साल की आयु के 21.50 लाख बच्चों को पेट से कीड़े निकालने की दवा खिलाए जाने का लक्ष्य है। दवा शत प्रतिशत उपलब्ध है। जो बच्चे 10 अगस्त को दवा खाने से रह जायेंगे उन्हें 14 अगस्त को मॉप अप राउंड में दवा खिलाई जाएगी। विद्यालय जाने वाले बच्चों को विद्यालयों में और स्कूल न जाने वाले बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर दवा खिलाई जायेगी। एक से दो साल की आयु के बच्चों को एलबेंडाजोल की आधी गोली और 2 से 3 साल की आयु के बच्चों को एक गोली चूरा बना कर खिलाई जायेगी। 3 से 19 साल की आयु के बच्चों को एक गोली चबाकर खिलाई जायेगी।

इसका मतलब होता है कि पेट में कीड़ों की संख्या अधिक है

नोडल अधिकारी ने बताया कि दवा खाने के बाद किन्हीं बच्चों में दवा के प्रतिकूल प्रभाव उल्टी, जी मिचलाना चक्कर आना पेट में दर्द आदि देखने को मिलते हैं। इससे घबराने की जरूरत नहीं है। इसका मतलब होता कि पेट में कीड़ों की संख्या अधिक है और उन्हीं के मरने से यह प्रतिकूल प्रभाव दिखाई देते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा होने पर बच्चे को लिटा दें। थोड़ी देर में यह प्रतिकूल प्रभाव खत्म हो जायेंगे। ऐसे प्रतिकूल प्रभाव के प्रबन्धन के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम ब्लाक और जिले पर तैनात रहेंगी।
उन्होंने कहा कि शिक्षा और आईसीडीएस विभाग के लोग पेट से कीड़े निकलने की दवा संबंधित सीएचसी से प्राप्त करना सुनिश्चित करें। इस दिवस का आयोजन स्वास्थ्य, आईसीडीएस और शिक्षा विभाग मिलकर करेंगे। इस दिवस को सफल बनाने में सभी विभाग सहयोग करें।

ये सभी लोग रहे मौजूद

इस मौके पर उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. ए.पी.सिंह, डॉ. गोपी लाल, स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी, समुदाय प्रक्रिया प्रबंधक विष्णु प्रताप, कार्यक्रम अधिकारी श्रेयश कुमार, डीई आईसी मैनेजर डॉ. गौरव सक्सेना, सभी सीएचसी के अधीक्षक, शहरी स्वास्थ्य समन्वयक, शिक्षा एवं आईसीडीएस के प्रतिनिधि, सहयोगी संस्था एविडेंस एक्शन, यूनिसेफ, सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर), पीएसआई-इंडिया और नेहरू युवा केंद्र के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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