विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत जनजागरूकता एवं प्रभावी नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग तथा नगर निगम द्वारा लखनऊ में विभिन्न गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान तथा स्वयं सेवी संस्था फैमिली हेल्थ इंडिया- एंबेड के सहयोग से लखनऊ विश्वविद्यालय के प्राणी विज्ञान संकाय स्थित विभिन्न जलस्रोतों में 250 गम्बूसिया मछली डाली गईं।
इस अवसर पर राज्य कीट विज्ञानी डॉ. सुदेश कुमार ने बताया कि विशेषज्ञों के अनुसार एक एकड़ में लगभग दो हजार गंबूजिया मछली पर्याप्त होती है साथ ही इसकी ब्रीडिंग काफी तेज होने के कारण ये मछलियां मच्छरों के प्रभावी नियंत्रण के लिए सहयोगी हैं।
इस मौके पर उपस्थित प्रो. ओमकार ने बताया कि मच्छरों का जीवन चक्र 20 से 25 दिनों का होता है जिसमें 9-10 दिनों तक रूके हुए पानी के अन्दर रहता है फिर उसके बाद ये मच्छर वयस्क होकर हवा में उड़ जाते है, हम इन रूके हुए पानी को नष्ट कर इनके पैदा होने वाले स्रोत को नष्ट कर सकते है।
राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम के समन्वय डॉ. अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि शहरों मे मच्छरों के नियंत्रण के लिए मच्छरों के लार्वों के प्रजनन स्थलों को भली-भाॅति खोजना जरूरी है। कीटनाशकों का छिड़काव करने के बजाय शहरों में पानी जमा होने वाले स्थानों की खोज करनी चाहिए, जिन पर मादा मच्छर अण्डे देती है। इस कार्य में गम्बूजिया मछली हमारी बड़ी सहयोगी है। यह मछली पानी में ही मच्छरों के लार्वा को खा जाती हैं जिससे मच्छरों को व्यस्क होने से पूर्व पानी में ही नष्ट किया जा सकता है।
फैमिली हेल्थ इण्डिया के एम्बेड समन्वयक धर्मेन्द्र त्रिपाठी ने प्रत्येक रविवार मच्छरों पर वार एवं बुखार में देरी पड़ेगी भारी जैसे संदेशों के माध्यम से मच्छरों के ब्रीडिंग स्थलों को नष्ट करने एवं किसी भी प्रकार के बुखार आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्रों पर जांच कराये जाने के सदेशों को जन सामान्य में प्रचार- प्रसार करने के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवकों का आह्वान किया।
इस अवसर पर मलेरिया निरीक्षक अविनाश चन्द्रा, व्यवहार परिवर्तन संचार सुगमकर्ता शालिनी, आरती मिश्रा, रूद्र प्रकाश, रविता यूथ स्वयंसेवक सौरभ उपस्थित रहे।