केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे स्वास्थ्य कर्मचारी, जानें क्या हैं उनकी मांगे
21 अप्रैल से बंद हो जायेगा रोगी देखभाल भत्ता
नई दिल्ली
देश भर के स्वास्थ्य कर्मियों को मिलने वाले रोगी देखभाल भत्ता को बंद करने की तैयारी की जा रही हैं। इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने आदेश जारी कर दिया है जो 21 अप्रैल लागू माना जायेगा।
इसके विरोध में देशभर के स्वास्थ्यकर्मी एकजुट हो गए हैं। स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि अस्पतालों में मरीजों के उपचार में लगे स्वास्थ्य कर्मी जोखिम में होते हैं। उन्हें संक्रमण होने का ज्यादा खतरा होता है। ऐसे स्वास्थ्य कर्मियों को साल 1986 से यह भत्ता दिया जा रहा है, उसे जारी रखा जाना चाहिए। यदि मंत्रालय इसे बंद करता है तो देशभर में आंदोलन किया जाएगा।
ऑल इंडिया हेल्थ एसोसिएशन एंड वर्कर कन्फेडरेशन के महासचिव मुकेश शर्मा और सेंट्रल हेल्थ एम्पलाइज फेडरेशन के महासचिव गौतम दास गुप्ता ने कहा कि मरीज भत्ता को बंद करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय के तरफ से एक आदेश जारी किया गया है। उनका कहना है कि मंत्रालय स्वास्थ्य कर्मियों में मिनिस्ट्रियल और नॉन मिनिस्ट्रियल का भेद करके मरीज भत्ता को बंद करने की कोशिश कर रही है।
हम इसका विरोध करते हैं। अस्पताल में काम करने वाले को कर्मी ज्यादा जोखिम में होते हैं। ऐसे में उन्हें यह भत्ता दिया जाना चाहिए। साल 1986 से ग्रुप सी, ग्रुप डी और नॉन गजेटेड कर्मियों को यह भत्ता मिल रहा है। इसे बंद नहीं किया जाना चाहिए। यदि इसे बंद किया जाता है तो देशभर के दो लाख से अधिक स्वास्थ्य कर्मी विरोध करेंगे।